नैनवां. यूरिया की किल्लत के बीच कई दिनों बाद शुक्रवार को नैनवां में दो दुकानों पर यूरिया आते ही किसान लेने दौड़ पड़े। कट्टे कम आने व किसान अधिक पहुंच जाने से किसानों को कतारों में लगाकर आधार कार्ड पर प्रति किसान दो-दो कट्टे वितरित किए। किसानों के उमड़ने से दोनों दुकानों पर आए 1228 कट्टे दो घण्टे में ही खत्म हो गए। कतारों में खड़े कई किसानों को कट्टे नहीं मिलने से निराश लौटना पड़ा।
नैनवां में शुक्रवार नगरपालिका कार्यालय के सामने स्थित खाद की दो दुकानों पर यूरिया के ट्रक आते ही आसपास के गांवों के किसानों को यूरिया आने की जानकारी मिली तो यूरिया लेने के लिए दौड़ पड़े। यूरिया के एक दुकान पर 778 व दूसरी दुकान पर 450 कट्टे आए थे। दोनों ही दुकानों के बाहर किसानों का मेला लग गया। दुकानदारों ने पहले किसानों को कतारों में लगवाया। उसके बाद आधार कार्ड पर प्रति किसान दो-दो कट्टों का वितरण किया।
इन गांवों से आए किसान
सुवानिया, धीरपुर, सुन्थली, बिजलबा, खोलङा, पांडुला, धानुगांव, भावपुरा, पिपरवाला, लालगंज, भोमपुरा, बबूली, अरण्या, रजलावता, रालड़ी, बंजारी बावड़ी, बड़ीपडाप, छोटीपडाप, बागेडा, खेरुणा, नाथड़ी, नाथड़ा, भवानीपुरा, गावड़ी, गुढ़ादेवजी, गुरजनिया, फुलेता, दलेलपुरा, पाई, लक्ष्मीपुरा, मानपुरा, रघुनाथपुरा, खानपुरा, दियाली, कीरो का झोपड़ा, टोपा, चेनपुरिया, कोरमा, बाछोला, सुरगली, उगेन, देवपुरा, भैंसों के नयागांव, भट्टो का नयागांव, महावीरपुरा, भीमगंज, बालापुरा, गोवल्या, सुवासडा गांव शामिल है।किसानों ने बताया कि खरीफ की फसल के लिए अभी यूरिया की सख्त जरूरत है। दुकानों पर यूरिया नहीं आने से किल्लत बनी हुई है।
किसानों को पर्याप्त यूरिया उपलब्ध करवाने की मांग
बूंदी. विधायक सीएल प्रेमी ने संभागीय आयुक्त को पत्र भेजकर जिले में किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध करवाने की मांग की है। संभागीय आयुक्त को भेजे पत्र में प्रेमी ने अवगत करवाया की जिले में किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया, खाद नहीं मिलने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। जिले में 1500 मैट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति के बाद भी किसान यूरिया खाद से वंचित है। जिले के केशवरायपाटन, कापरेन, नैनवां एवं अन्य कई स्थानों पर यूरिया के लिए कतार लग रही है। वितरण प्रणाली में गंभीर खामियां देखी जा रही हैं।
किसानों के अनुसार यूरिया की आपूर्ति पर्याप्त होने के बावजूद, वितरण प्रक्रिया में देरी और असमानता के कारण उन्हें समय पर खाद नहीं मिल पाती है। कई दुकानों पर सुबह ही स्टॉक खत्म हो जाता है। जिले में यूरिया खाद की आपूर्ति होने के बावजूद भी किसानों को खाद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। अगर सीजन की शुरुआत में ही यह स्थिति है, तो आगे चलकर किसानों को खाद मिलना और भी मुश्किल हो जाएगा, इसके अतिरिक्त, कई जगहों पर किसानों को यूरिया के साथ अनुपयोगी लिक्विड खाद या कीटनाशक खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। बूंदी जिले में हाल ही में आई बाढ़ और जलभराव से फसलों को नुकसान हुआ है। खराब जल निकासी व्यवस्था के कारण खेत जलमग्न हुए हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति और भी खराब हुई है।
Published on:
09 Aug 2025 05:56 pm