Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नहर की दीवारें क्षतिग्रस्त, कैसे पहुंचेगा टेल तक पानी

बूंदी ब्रांच कैनाल नहरों में टेल क्षेत्र में पानी पहुंचाने के लिए क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत कार्य होना आवश्यक हो गया है।

2 min read
Google source verification

बूंदी

image

pankaj joshi

Sep 26, 2025

नहर की दीवारें क्षतिग्रस्त, कैसे पहुंचेगा टेल तक पानी

रामगंजबालाजी. बूंदी ब्रांच कैनाल पर चैन संख्या 250 के यहां पर क्षतिग्रस्त पुलिया।

रामगंजबालाजी. बूंदी ब्रांच कैनाल नहरों में टेल क्षेत्र में पानी पहुंचाने के लिए क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत कार्य होना आवश्यक हो गया है। यदि समय रहते मरम्मत का कार्य नहीं किया गया तो टेल क्षेत्र में पानी पहुंचाना इस बार सीएडी प्रशासन के लिए चुनौती साबित होगा।

इस वर्ष लगातार बरसात जारी रहने के चलते बूंदी ब्रांच कैनाल की दीवारे कई जगह पर टूटने के बाद वहां का मरम्मत कार्य अभी नहीं हो पाया। और नहर में जल प्रवाह शुरू करवा दिया गया। ऐसे में अब टेल क्षेत्र के किसानों के लिए फसल के लिए पानी पहुंचाना प्रशासन के लिए चुनौती भरा सफर रहेगा। कैनाल पर चैन संख्या 250 के यहां बन रही पुरानी पुलिया क्षतिग्रस्त होने के बाद में यहां पर वाहनों का दबाव बना रहने के चलते पुलिया कभी भी टूटने के बाद नहर में पानी बंद हो सकता है।

ऐसे में उक्त पुलिया का निर्माण करवाना भी आवश्यक है। ठीक इसी प्रकार माटुंदा की चेन संख्या 1420 के यहां पर सीएडी प्रशासन द्वारा खरीफ की फसल में पानी देने के समय नहर की दीवार टूटने के बाद में यहां पर मिट्टी से भरे कट्टे डलवा कर नहर की वैकल्पिक मरम्मत का कार्य करवाया था। ठीक इसी प्रकार के जैतसागर नाले का पानी नहर में गिरने के चलते यहां पर भी उसका भी कोई बंदोबस्त नहीं किया गया तो यहां पर भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

इस वर्ष बरसात की अधिकता रहने के चलते नहर कहीं जगह ओवर फ्लो होने से क्षतिग्रस्त होकर नहरों की दीवारें कई फीट तक टूट गई है। ऐसे में उनकी मरम्मत का कार्य करवाना आवश्यक है। जल उपयोगिता संगम अध्यक्षों व वितरण समिति के अध्यक्षों ने भी अभियंताओं को नहरे बंद करने के लिए लिखित में दिया है। किसानों की सुविधा को देखते हुए नहर को बंद करके क्षतिग्रस्त दीवारों का मरम्मत कार्य करवाया जाएगा। ताकि किसानों को रवि की फसल में लगातार संपूर्ण पानी मिल सके।
अरविंद मीणा, अधिशासी अभियंता, सीएडी, बूंदी