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जनाना अस्पताल: नाम बड़ा, सुविधाएं मरीजों के भरोसे

सामान्य चिकित्सालय के हाल यहां के जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से छुपे नहीं है, इसके बावजूद सुधार के नाम पर निर्देश व मासिक मीङ्क्षटग से आगे कुछ नजर नहीं आता है। जनाना अस्पताल के लेबर रूम व ऑपरेशन थियेटर में प्रसव के दौरान काम आने वाली मुख्य सामग्री करीब एक माह से खत्म हो चुकी है।

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जनाना अस्पताल: नाम बड़ा, सुविधाएं मरीजों के भरोसे

बूंदी. जनाना अस्पताल

बूंदी. सामान्य चिकित्सालय के हाल यहां के जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से छुपे नहीं है, इसके बावजूद सुधार के नाम पर निर्देश व मासिक मीटिंग से आगे कुछ नजर नहीं आता है। जनाना अस्पताल के लेबर रूम व ऑपरेशन थियेटर में प्रसव के दौरान काम आने वाली मुख्य सामग्री करीब एक माह से खत्म हो चुकी है। हालत यह है कि जनाना अस्पताल को स्वयं के स्तर पर प्राथमिक चिकित्सालय से सामग्री मंगवानी पड़ी, वहीं कुछ मरीजों से बाजार से खरीद कर मंगवाई गई।
लेबर रूम इंचार्ज अनीता व ज्योति ने बताया प्रसव के दौरान विभिन्न चरणों में पांच प्रकार के ग्लफ्स काम आते है, लेकिन सभी प्रकार के ग्लफ्स करीब एक माह से खत्म हो रहे है। वहीं इसके अलावा प्रसव के लिए काम आने वाला ऑक्सीटोक्सीन इंजेक्शन भी खत्म हुए काफी दिन हो चुके है, इसके विकल्पिक के रूप में अन्य कोई इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में कई बार स्थिति विकट हो जाती है। वहीं प्रसव पूर्व काम आने वाली सीपी जेल भी एवं प्रसूता का डाटा फीड करने के काम आने वाली सीट खत्म होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। उक्त सामग्री खत्म होने के बारे में करीब एक माह में तीन बार बता चुके है, लेकिन अब तक आपूर्ति नहीं हुई है।

नहीं मिली सीजर, बाजार में करवा रहे धार
प्रसव प्रक्रिया में संक्रमण रहित सीजर (कैंची) होना अतिआवश्यक है। लेबर रूम इंचार्ज के अनुसार करीब दस सीजर होना आवश्यक है, जिसमें एक बार में पांच काम ली जाती है और पांच को ऑटोक्लेव में रखा जाता है। एक माह से सभी सीजर की धार खत्म होने के कारण स्वयं के स्तर पर तीन बार बाजार में धार करवाई जा चुकी है, वहीं कई बार मांग करने के बाद भी स्टोर से सीजर उपलब्ध नहीं करवाई गई है।

बाजार से लाया कॉटन व ग्लफ्स
कठियाड़ी निवासी सुनील शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन थियेटर में ग्लफ्स खत्म हो जाने पर उसे पर्ची पर लिख कर दिया गया तथा कॉटन के लिए बोला गया। इस पर 360 रुपए में दोनों खरीद कर लेकर दिए है।

प्राथमिक चिकित्सालय से मंगवाए
ऑपरेशन थियेटर (शल्य चिकित्सा) इंचार्च सोनम ने बताया कि साढ़े छह, सात व साढ़े सात नम्बर के ग्लफ्स दो माह से नहीं मिल रहे है। इस पर उन्होंने रजत गृह प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र से मंगवाए। इनके खत्म हो जाने पर जनरल ओटी से मंगवाए गए है। वहीं ड्रेङ्क्षसग के बाद लगाई जाने वाली व्हाइट टेप भी खत्म है। अभी तक किसी मरीज से बाजार से कोई दवा या अन्य सामग्री नहीं मंगवाई है।

पता करेंगे
प्रसव में काम आने वाले संसाधन की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की जा रही है, फिर भी कैसे कम हो गए, लेबर रुम व ओटी का निरीक्षण कर पता किया जाएगा।
एलएन मीना, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, सामान्य चिकित्सालय, बूंदी

चालीस मिनट इंतजार के बाद मिला उपचार
लाखेरी . उपखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाखेरी में शुक्रवार सुबह अव्यवस्था हावी रही। अस्पताल सुबह 9 बजे खुल गया, लेकिन 9.30 बजे तक एक भी चिकित्सक अस्पताल नहीं पहुंचा। मरीजों की कतार लग गई और परिजन डॉक्टरों का इंतजार करते नजर आए। अस्पताल का पर्ची काउंटर तय समय पर खुला, करीब 70 मरीजों ने पर्ची कटवाई, पर उपचार शुरू नहीं हो सका। नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मी भी देरी से पहुंचे।
प्रशासन हरकत में आया तो पहुंचे डॉक्टर
लोगों की शिकायत पर मामला सीएमएचओ डॉ. ओ.पी. सामर और कार्यवाहक एसडीएम ऋतुराज शर्मा तक पहुंचा। अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद करीब 9.40 बजे महिला चिकित्सक डॉ. वेदांती सक्सेना अस्पताल पहुंची। इसके कुछ
समय बाद एक और चिकित्सक बुलाया गया।

‘बच्चा दर्द से रोता रहा, डॉक्टर नहीं थे’
लाखेरी नयापुरा निवासी एक दंपती अपने एक साल के बच्चे को दर्द से बिलखते हुए अस्पताल लाए, लेकिन डॉक्टर नहीं मिलने से उन्हें इंतजार करना पड़ा। वहीं, बडग़ांव निवासी 75 वर्षीय भैरी बाई, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ थी, को भी लंबे इंतजार के बाद ही उपचार मिला। मरीजों ने बताया कि अस्पताल में यह स्थिति नई नहीं है। यहां डॉक्टर रोजाना देरी से पहुंचते हैं।

डेपुटेशन पर डॉक्टर, यहां भुगत रहे मरीज
लाखेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल 12 स्वीकृत पदों में से केवल 8 भरे हुए हैं। इनमें से चार चिकित्सक डेपुटेशन पर अन्य जगह कार्यरत हैं, जबकि उनका वेतन लाखेरी अस्पताल से उठाया जा रहा है। अस्पताल में फिलहाल केवल दो सामान्य चिकित्सक, एक महिला चिकित्सक और एक दंत रोग विशेषज्ञ ही सेवा दे रहे हैं।

जांच होगी
लाखेरी अस्पताल में समय पर चिकित्सक नहीं आने की शिकायत मिली है। मामले की जांच करवा कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सकों को समय पालन के प्रति पाबंद किया जाएगा।
डॉ. ओ.पी. सामर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बूंदी