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समय रहते नहीं लगाए लंपी रोकथाम के टीके, पशुओं में बढ़ी बीमारी

कस्बा सहित क्षेत्र के गांव व ढाणियों में गाय सहित बछड़ो में गंभीर बीमारी लंपी के समय रहते पशु विभाग द्वारा लंपी रोकथाम के टीके नहीं लगाने से अब दिनोंदिन इनसे ग्रसित पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

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बूंदी

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pankaj joshi

Sep 24, 2025

समय रहते नहीं लगाए लंपी रोकथाम के टीके, पशुओं में बढ़ी बीमारी

भण्डेड़ा. कस्बे में लंपी नामक बीमारी से ग्रसित बच्छड़ी।

भण्डेड़ा. कस्बा सहित क्षेत्र के गांव व ढाणियों में गाय सहित बछड़ो में गंभीर बीमारी लंपी के समय रहते पशु विभाग द्वारा लंपी रोकथाम के टीके नहीं लगाने से अब दिनोंदिन इनसे ग्रसित पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन संबंधित विभाग इस बीमारी को लेकर गंभीरता नजर नहीं आ रही है।

जानकारी के अनुसार बारिश के समय गाय, बछडा व बछड़ियों में गंभीर बीमारी का प्रकोप रहता है। इस बीमारी से बचाव के लिए समय से पहले लंपी नामक बीमारी की रोकथाम के लिए इसके टीके लगाए जाते है। पर बांसी के राजकीय पशु चिकित्सालय के अधीन भण्डेड़ा, सादेड़ा, मुण्डली, गुजरियाखेड़ा, रामगंज, कल्याणपुरा, मरां, कालानला, फलास्थुनी, बांसी, उरांसी, मानपुरा, डोडी, बीजन्ता आदि गांव आते है। इन्ही गांव में ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पशु उपकेंद्र भी खुले हुए है। जिन पर एक-एक कर्मचारी लगे हुए है।

क्षेत्रीय गांवों में गायों में बारिश के अंतिम समय में यह लंपी नाम की बीमारी आती है। जिसकी रोकथाम के लिए समय से पहले पशुओं में टीका लगाया जाता है। पर इस समय तक भी भण्डेड़ा में पशु विभाग ने किसी भी पशुपालक के पशुओं के इस बीमारी की रोकथाम के टीके नहीं लगाए गए। ऐसे में पशुओं में यह बीमारी बढती जा रही है। इस बीमारी से ग्रसित पशु होने पर चारा-पानी सभी बंद कर देता है। पैर से पूंछ व पूरे शरीर पर छाले हो रहे है, जो पशु बैठ भी नही सकता है। इस बीमारी का उपचार के लिए संबंधित विभाग के कर्मचारियों को सूचना देकर उपचार के लिए कहा जाता है। तो पशुपालक की इस समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है।

एरिया को लेकर भी विवाद
इधर पशुपालकों का कहना है कि जब भी पशु बीमारी से ग्रसित होता है। एरिया का वेटनरी कंपाउंडर नहीं रहता तो बांसी पशु चिकित्सालय के कर्मचारी तक उपचार कराने नहीं जाते है। पशुपालक से बोला जाता है सादेड़ा के कर्मचारी को मौके पर बुलाओ वह छुट्टी पर रहता है तो उस रोज पशु को उपचार नहीं मिलता है, मजबूरन वह तड़पता रहता है। पशुपालकों का यह भी कहना है कि जिस उपकेंद्र से दवा उपलब्ध नही होने पर बांसी राजकीय पशु चिकित्सालय पर जाकर दवा लेने जाते है तो पशुपालक को फटकार दिया जाता है व कहा जाता है कि सादेड़ा से लो यहां पर नही मिलेगी।

जानकारी मिली है। भण्डेड़ा का सर्वे करवाता हूं, एरिया को लेकर कर्मचारी आनाकानी करते है तो ऐसा कोई नियम नही है। मैं पाबंद करता हूं। दवाई देने में आनाकानी की तो उसके बारें मे भी जानकारी की जाएगी।
रामलाल मीणा, संयुक्त निदेशक बूंदी