बड़ाखेड़ा. क्षेत्र के बड़ाखेड़ा, पापड़ी, जाड़ला, माखीदा, लबान, बहड़ावली, बंसवाडा आदि गांवों में खेतों में जलभराव होने के चलते किसान परेशान है। उन्होंने पानी सूखते ही ट्रैक्टर चला दिया। सोयाबीन, उडद की फसल में पानी भरने के कारण गलकर नष्ट हो चुकी है। ऐसे में किसानों के पास दूसरा कोई रास्ता भी नहीं था।
किसानों का कहना है कि सोयाबीन, उड़द की फसल में जो खर्चा लगना था, वह लग चुका है, लेकिन बारिश से खेतों में पानी भरने से सपनों पर पानी फेर दिया। ऐसे में मजबूरन खेतों में ट्रैक्टर चलाकर हंकाई कर रहे है, ताकि रबी की अगली फसल के लिए खेत को तैयार किया जा सके। क्योंकि अब खरीफ की फसल तो नहीं हो सकती, लेकिन रबी की फसल बुवाई के लिए तैयारियां शुरू कर दी है
मजबूरन फसल पर चलाना पड़ा ट्रैक्टर
जाड़ला गांव निवासी गिरिराज मीणा ने बताया कि खेतों में लगातार बारिश के चलते पानी भरने के कारण फसल खराब हो गई थी। किसानों ने पैसा खर्च करके खरीफ की फसलों को बचाने के लिए प्रयास किए, लेकिन फसलें नहीं बच पाई। किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए।
रबी की फसल तैयारी में जुटे किसान
किसानों ने बताया कि खेतों में सोयाबीन व उड़द की फसल बुवाई कर चुके थे। बीज अंकुरित हो चुका था। खरपतवार को नष्ट करने के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी कर दिया गया था, लेकिन लगातार हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया था, जिसके चलते फसलें गलने लगी थी। किसानों ने मौसम साफ होते ही खेतों में ट्रैक्टर चलाकर हंकाई कर रहे हैं ताकि सरसों, चना, गेहूं की बुवाई के लिए खेत खराब नहीं होंगे।
Published on:
12 Aug 2025 05:25 pm