रोडवेज बस में सफर करते यात्री।
बूंदी. राजस्थान सरकार की ओर से रोडवेज के बेड़े में शामिल की गई नई बसें (बीएस-6 मॉडल की) अत्याधुनिक तकनीक व अतिरिक्त सुविधा तो प्रदान कर रही हैं, लेकिन लंबे सफर में यात्रियों के घुटनों का दर्द भी बढ़ा रही है। नई बसों में पुरानी की तुलना में डेढ़ इंच गेप कम है। यह ही दर्द का कारण बन रहा है।
वर्ष 2024 में राजस्थान रोडवेज ने 510 नई बसें खरीद कर यात्रियों को बेहतर सुविधा देने का काम किया। दरअसल, नई बसों में सीटों के बीच का गेप कम कर दिया गया है, जिसकी वजह से पैर आरामदायक स्थिति में नहीं रह पाते। वहीं यात्रियों को अंदर की तरफ सीटों पर जाने में भी परेशानी हो रही है।
बस उतनी ही लम्बी, पर सेंसर ने बढ़ाई परेशानी
पुरानी बस के मुकाबले नई बसों में सीट के बीच का गेप कम कर दिया गया, जिससे सीट पर बैठने पर 5 फीट 8 जैसी सामान्य लंबाई वाले व्यक्ति के अगली सीट पर घुटने टकराते हैं। पुरानी रोडवेज बसों की लंबाई-32 फीट और चौड़ाई 8.6 फीट है तथा सीटों की संख्या-47 हैं। निर्धारित मापदंड के अनुसार नई बसों की लबाई-चौड़ाई और सीटों की संख्या भी इतनी ही है, लेकिन नई बसें बीएस-6 मॉडल की होने के कारण उनमें सेंसर बढ़ा दिए गए हैं। पुरानी बसों में 14 सेंसर दिए हुए हैं, जबकि नई बसों में 28 सेंसर हैं, जिसके कारण सेंसर कंट्रोलिंग इश्यू बॉक्स 9 बाई 6 इंच से बढ़ाकर करीब ढाई बाई ढाई फीट कर दिया गया है।
यह बोले-यात्री और परिचालक
बूंदी से हरिद्धार की बस में यात्रा कर रही सुगंधा बाई व रीना ने बताया कि में चार से पांच बार नई बस में सफर कर चुके हैं। इस बस में ज्यादा लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर सकते है। थकान होने के साथ ही पैर दर्द करने लग जाते हैं। घुटने जवाब दे जाते है। वहीं एक परिचालक ने बताया कि नई बसे अत्याधुनिक व आज के हिसाब से यात्री सुविधा के हिसाब से सहीं है, लेकिन सीटों के बीच का गेप यात्रियों को परेशान कर रहा है। पुरानी बसों की तुलना में नई बसों के बीच का गेप डेढ़ इंच कम कर दिया गया हैं, तो परेशानी लाजमी है।
इनका कहना है
बस बाॅडी टीम ने निर्धारित मानकों को ध्यान में रखते हुए बीएस-6 मॉडल की बसें डिजाइन की है। यात्रियों के फीड बैक में अगर कोई शिकायत है तो उसको मुख्यालय को अवगत कराया जाएगा।
घनश्याम गौड़, मुख्य प्रबंधक, बूंदी डिपो
Published on:
25 Sept 2025 11:01 am
बड़ी खबरें
View Allबूंदी
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग