बड़ाखेड़ा. क्षेत्र के बड़ाखेड़ा, लबान, पापडी, जाडला, माखीदा, बहड़ावली, बंसवाडा, पीपल्दा थाग, सामरा सहित दर्जनों गांवों में लगातार हुई बारिश से किसानों के हाल बेहाल है, किसानों का दर्द उनकी आंखों से झलकता हुआ दिखाई दे रहा है। सोयाबीन, उड़द की फसल बुवाई के बाद अंकुरित हो चुकी थी, लेकिन पानी से लबालब खेतों में फसल गलकर नष्ट हो चुकी है, जो किसानों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है।
माखीदा लबान सड़क के किनारे वाले खेतों में किसानों को डीजल इंजन चलाकर लगातार पानी निकालने का काम कर रहे हैं, जिन खेतों में पानी नहीं भरा है। उस फसल को बचाने के लिए किसान दिन रात एक कर रहे हैं। किसानों ने खाद बीज खरीद कर अच्छी फसल कि उमीद के साथ बुवाई की थी।
किसान जब खेतों में बुवाई करता है तो अच्छी पैदावार की उम्मीद की आस करता है, लेकिन इस बार लगातार हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। किसान प्रेमशंकर मीणा जाडला, छीतर लाल सैनी, हनुमान मीणा, निरंजन सेन, मुकेश, रामू मीणा, शंकर लाल, आदि ने बताया की लगातार बारिश के चलते खेतों में पानी भरने से सोयाबीन, उड़द की फसल गलकर नष्ट हो चुकी है। दो बार फसल नष्ट हो चुकी है। इसके चलते किसान परेशान है।
अब राज से आस
लगातार हुई बारिश के चलते खेतों में करीब पांच फीट पानी भरने से सोयाबीन व उड़द की फसल गलकर नष्ट हो चुकी है। किसानों ने जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जा चुका है। फसल खराबे का सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा राशि दिलाने के लिए प्रशासन को भी अवगत कराया गया है, ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।
किसानों की मुआवजा दिलाने व फसल खराबे के सर्वे की मांग की है। इस दौरान ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, बुध्दिप्रकाश मीणा, ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष पवन मीणा, साहब लाल गुर्जर, खेमराज मीणा, भंवर सिंह आदि ने इस समस्या को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी अवगत कराया जा चुका है।
Published on:
09 Aug 2025 06:53 pm