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1 लाख स्टाइपेंड लेकिन 12 घंटे काम, AI स्टार्टअप को-फाउंडर के इंटर्नशिप ऑफर ने छेड़ दी बहस

को-फाउंडर ने बताया कि जॉइनिंग तुरंत है और यह पूरी तरह ऑन-साइट रोल है, यानी इंटर्न को बेंगलुरु ऑफिस में जाकर हफ्ते में 6 दिन, सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक काम करना होगा।

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AI Startup Internship Offer

बेंगलुरु की स्टार्टअप कंपनी का अनोखा ऑफर (Photo-AI)

सैन फ्रांसिस्को बेस्ड एक AI स्टार्टअप के को-फाउंडर ने लिंक्डइन पर बेंगलुरु ऑफिस के लिए इंटर्न्स की तलाश में पोस्ट डाली। इसमें उन्होंने लिखा कि जो भी कैंडिडेट सेलेक्ट होगा, उसको हर महीने 1 लाख रुपये स्टाइपेंड मिलेगा, साथ ही कई दूसरे अतिरिक्त लाभ भी दिए जाएंगे। ऊपर से देखने में तो इस पोस्ट में कोई बुराई नहीं लगी, लेकिन जब लोगों ने इसे ध्यान से पढ़ा, सोशल मीडिया पर इसे लेकर बवाल मच गया। दरअसल, पोस्ट में ये लिखा था कि सेलेक्टेड इंटर्न को रोजाना 12 घंटे काम करना होगा, सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक।

सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट

को-फाउंडर ने पोस्ट में लिखा, 'हम Tier-1 VC-बैक्ड कंपनी हैं, पहले से ही Fortune 500 कंपनियों के साथ जुड़े हैं और तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर आप असली यूजर्स के साथ कुछ बनाना चाहते हो, गहरी टेक्निकल चुनौतियां सॉल्व करना चाहते हो और यह तय करना चाहते हो कि भविष्य में एंटरप्राइजेज कैसे चलेंगी, तो यह मौका आपके लिए है।'

'सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक काम होगा करना'

को-फाउंडर ने बताया कि जॉइनिंग तुरंत है और यह पूरी तरह ऑन-साइट रोल है, यानी इंटर्न को बेंगलुरु ऑफिस में जाकर हफ्ते में 6 दिन, सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक काम करना होगा। सुविधाओं के नाम पर इंटर्न को फूड अलाउंस या मील सब्सक्रिप्शन भी मिलेगा। साथ ही जिम या हॉबी सब्सक्रिप्शन भी, साथ ही फाउंडर्स के साथ मिलकर कुछ बिल्कुल जीरो से शुरू करके बनाने का मौका मिलेगा। को-फाउंडर आगे लिखते हैं, 'आवेदक टॉप परफॉर्मर होने चाहिए, ‘हां हो जाएगा’ वाला एटीट्यूड रखते हों, ओनरशिप लेने की क्षमता हो और खुद को साबित करने की भूख हो।'

सोशल मीडिया पर कमेंट्स की भरमार

पोस्ट लिंक्डइन पर 20 नवंबर को शेयर हुई, और कुछ ही घंटों में वायरल हो गई। देखते देखते ये पोस्ट 'स्टार्टअप वर्क कल्चर' पर एक बड़े डिबेट का ट्रिगर बन गई। यूजर्स ने 72-घंटे वर्कवीक को 'अनैतिक' करार दिया। X पर #Bengaluru, #HustleCulture और #ToxicWorkCulture जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

एक अन्य यूजर ने लिखा, '1 लाख रुपए का स्टाइपेंड 72 घंटे की मेहनत को जस्टिफाई नहीं करता। 2025 में ग्लोबल कंपनियां 4-डे वर्कवीक की ओर जा रही हैं, लेकिन हम बर्नआउट को बैज ऑफ ऑनर बना रहे हैं।' कुछ और भी कमेंट्स आए, जैसे 'जिम सब्सक्रिप्शन? रात 11:30 बजे जाओगे क्या?' और 'लॉन्ग ऑवर्स बेटर प्रोडक्ट्स नहीं बनाते, हेल्दी टीम्स बनाती है।'

हालांकि सारे कमेंट्स निगेटिव नहीं थे, कुछ पॉजिटिव भी थे। कुछ ने इस ऑफर को डिफेंड किया; एक यूजर ने लिखा कि 1 लाख का स्टाइपेंड बेंगलुरु में टिपिकल 10-20k से कहीं ज्यादा है।

एक दूसरे यूजर ने लिखा, 'मैंने 2 महीने पहले ऐसे ही इंटर्न हायर किया, अनपेड था, लेकिन क्वालिटी देखकर ₹20k स्टाइपेंड दिया, कुछ लोग तरक्की करते हैं।