
बैंकों में रोटेशनल लंच करने का नियम है। (PC: Gemini)
अक्सर आपने देखा होगा कि जब आप दोपहर के वक्त किसी जरूरी काम से बैंक जाते हैं, तो आपसे कह दिया जाता है कि लंच टाइम चल रहा है, बाद में आाना। कई बार लोग काउंटर पर लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन जैसे ही नंबर आता है, स्टाफ यह कहकर सीट से उठ जाता है कि लंच टाइम हो गया है। क्या यह सही है? भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, किसी भी बैंक शाखा में एक साथ सभी कर्मचारियों को लंच करने की अनुमति नहीं है। बैंक कर्मचारी रोटेशन में लंच के लिए जा सकते हैं, एकसाथ नहीं। बैंक में लंच टाइम की बात कहकर सेवाएं नहीं रोकी जा सकती हैं। ऐसे मामलों में ग्राहक शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बैंक का दायित्व है कि वह कामकाजी समय में सेवा उपलब्ध कराए।
आरबीआई ने बैंकों के लिए ‘रोटेशनल लंच सिस्टम’ को अनिवार्य किया हुआ है। इसका मतलब है कि सभी कर्मचारी बारी-बारी से लंच करें, ताकि बैंक का कामकाज बिना रुके चलता रहे। कर्मचारी दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच अलग-अलग समय पर लंच कर सकते हैं, जिससे अन्य कर्मचारी ग्राहकों के काम करते रहें। स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में पूरी शाखा लंच के नाम पर बंद नहीं की जा सकती। यदि कोई बैंक ऐसा करता है, तो वह आरबीआई दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहा है।
आरबीआई के नियमों के अनुसार, बैंक शाखाओं को कामकाजी घंटों में हर समय ग्राहक सेवा के लिए खुला रहना जरूरी है। ग्राहक को यह अधिकार है कि वे कामकाजी घंटों में बैंक जाकर बैंकिंग सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।
बैंक में: सबसे पहले बैंक के शिकायत रजिस्टर में शिकायत दर्ज करें।
बैंक के अधिकारी से: शिकायत रजिस्टर में शिकायत दर्ज करने के बाद भी सुनवाई न होने पर बैंक प्रबंधक या नोडल अधिकारी से संपर्क करें।
हेल्पलाइन नंबर या ईमेल: बैंक के हेल्पलाइन नंबर या ईमेल पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
ऑनलाइन माध्यम: आरबीआई की वेबसाइट पर जाकर शिकायत फॉर्म पर क्लिक करके ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते है।
लिखित शिकायत: आप अपनी शिकायत की पूरी जानकारी और हस्ताक्षर के साथ पत्र लिखकर आरबीआई के 'सेंट्रलाइज्ड रिसिप्ट एंड प्रोसेसिंग सेंटर', चौथी मंजिल, सेक्टर 17, चंडीगढ़, पिनकोड - 160017 पर भी भेज सकते हैं।
बैंकिंग लोकपाल: यदि बैंक 30 दिनों के भीतर आपकी शिकायत का संतोषजनक समाधान नहीं करता है, तो आप भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त बैंकिंग लोकपाल से संपर्क कर सकते हैं। यह एक मुफ्त सेवा है।
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ, राजस्थान राज्य समिति के चेयरमैन लोकेश मिश्रा का कहना है कि आजकल बैंकों में स्टाफ की कमी रहती है। ऐसे में रोटेशनल लंच सिस्टम से दिक्कत होती है। पहले रोटेशनल लंच सिस्टम नहीं होता था, तो एक साथ खाना खाने का कुछ अलग ही मजा होता था। सुख-दुख की बात होती थी। ग्राहकों की सुविधा के लिए अगर तय समय पर बैंक बंद रखकर लंच किया जाए, तो बेहतर रहेगा। इससे ग्राहकों को भी स्पष्ट जानकारी रहेगी और स्टाफ भी बिना दबाव के लंच कर सकेगा।
Published on:
01 Nov 2025 04:16 pm
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