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हर महीने क्रेडिट कार्ड का सिर्फ ‘Minimum Due’ भरते हैं? जानिए कैसे चुकानी पड़ सकती है भारी कीमत

Credit Card Minimum Amount Due: क्रेडिट कार्ड में बकाया भुगतान पर 30 से 40 फीसदी सालाना तक का भारी-भरकम ब्याज लगता है। इसलिए मिनिमम अमाउंट ड्यू पेमेंट करने से बचना चाहिए।

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Credit Card Minimum Payment

अगर मिनिमम ड्यू पेमेंट करते हैं, तो बैंक आपके कार्ड को डिफॉल्ट कैटेगरी में नहीं डालेगा। (PC: Pixabay)

क्रेडिट कार्ड एक ऐसी दोधारी तलवार है, जिसे आप चलाना जानते हैं तो आपको ढेरों फायद मिलेंगे, लेकिन नहीं जानते, तो अपना ही नुकसान कर बैठेंगे। हमने अक्सर लोगों को क्रेडिट कार्ड के जरिए कर्ज के जाल में फंसते देखा है, इसकी वजह है कि लोगों को क्रेडिट कार्ड से जुड़ी तकनीकी जानकारियां नहीं होती हैं। इस आर्टिकल में हम ‘Minimum Amount Due’ पर बात करेंगे, जो क्रेडिट कार्ड में शामिल एक बड़ा फैक्टर है।

कब चुन सकते हैं यह विकल्प

अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो हर महीने आपको भी इसका स्टेटमेंट आता होगा। जब आप बिल चुकाते हैं, तो आपको ‘Minimum Amount Due’ का एक विकल्प दिया जाता है। उस वक्त अगर आपके पास पूरा बिल चुकाने के पैसे नहीं होते हैं, तो आप यह विकल्प चुन सकते हैं। मगर इस सहूलियत के साथ कुछ नुकसान भी जुड़े होते हैं।

समझ लें ‘Minimum Amount Due’ का कॉन्सेप्ट

जिन्होंने नया-नया क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करना शुरू किया है, वो ‘Minimum Amount Due’ के बेसिक कॉन्सेप्ट को नहीं समझते हैं। जबकि इसे जानना और समझना बेहद जरूरी है, ताकि क्रेडिट कार्ड के पेमेंट को सही तरीके से किया जा सके और भविष्य में आपको इसका कोई नुकसान नहीं उठाना पड़े। आइए हम इसके फायदे और नुकसान दोनों को समझते हैं।

न्यूनतम भुगतान के फायदे क्या हैं?

आपके खाते की सेहत अच्छी रहेगी: अगर आपके पास इतनी रकम नहीं है कि आप तुरंत पूरा बिल चुका सकें तो आप सिर्फ उतना ही बिल चुका दें जो न्यूनतम है। इससे आप लेट फीस से बच सकते हैं। साथ ही इससे आपको अपना क्रेडिट स्कोर बनाए रखने और अपने क्रेडिट कार्ड खाते को अच्छी स्थिति में रखने में भी मदद मिलेगी।

डिफॉल्ट से बचाव: अगर मिनिमम ड्यू पेमेंट करते हैं, तो बैंक आपके कार्ड को डिफॉल्ट कैटेगरी में नहीं डालेगा। यानी अगर आप किसी वित्तीय परेशानी से जूझ रहे हैं तो इसमें आपको राहत मिल सकेगी।

शॉर्ट टर्म राहत: अगर निकट भविष्य में कोई बड़ा खर्चा है, जिसकी वजह से आप क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल नहीं देना चाहते हैं, तो उस वक्त आप मिनिमम भुगतान कर सकते हैं। ऐसे में आपको शॉर्ट टर्म के लिए थोड़ी राहत मिल जाती है। जब अगली बार आपके पास पैसे हों, तब आप पूरा भुगतान कर सकते हैं।

न्यूनतम भुगतान के नुकसान क्या हैं?

ब्याज तेजी से बढ़ेगा: अगर आप ये सोचते हैं कि न्यूनतम भुगतान कर दिया है, जो कि कुल भुगतान में से कट जाएगा और बाकी वो अगली बार कर देंगे तो आप बिल्कुल गलत सोचते हैं।
आपकी बकाया राशि के बचे हुए हिस्से पर बहुत ज्यादा ब्याज लगता है। यह अक्सर 30-40% प्रति वर्ष तक हो सकता है, क्योंकि आप इंस्ट्रेस्ट फ्री पीरियड गंवा देते हैं।

कर्ज के जाल में फंसने का खतरा: अगर आप आदतन केवल न्यूनतम भुगतान करते हैं, तो आपकी बाकी राशि चुकाने में वर्षों लग सकते हैं। इतना ही नहीं, ब्याज और फीस आपके फाइनेंस को भी बिगाड़ सकते हैं।

क्रेडिट स्कोर पर असर: न्यूनतम भुगतान से आपको डिफॉल्ट से बचने में तो मदद मिलती है, लेकिन बड़ी बकाया राशि रखने से आपका क्रेडिट-यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाता है, जो आपके क्रेडिट स्कोर को खराब कर सकता है, जिससे भविष्य में लोन मिलने में भी दिक्कत आ सकती हैं।


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