अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी Adani Ports and Special Economic Zone Ltd (APSEZ) में अब गौतम अडानी की भूमिका बदल गई है। वे अब कंपनी के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन नहीं रहेंगे। 5 अगस्त 2025 से उन्हें नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में दोबारा नियुक्त किया गया है, यानी वे अब कंपनी के Key Managerial Personnel (KMP) नहीं रहेंगे। कंपनी के Whole-time Director & CEO अश्विनी गुप्ता हैं। वहीं बोर्ड ने मनीष केजरीवाल को 3 साल के लिए नॉन-एक्जीक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है।
गौतम अडानी के हटने की घोषणा ऐसे समय पर हुई है जब Adani Ports ने FY26 की पहली तिमाही (Q1) में मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया है। कंपनी का शुद्ध मुनाफा 7% बढ़कर 3,311 करोड़ रुपये हो गया है, जो बीते साल इसी तिमाही में 3,107 करोड़ रुपये था। राजस्व 21% की बढ़त के साथ 9,126 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो 1 साल पहले 7,560 करोड़ रुपये था। EBITDA में 13% का इजाफा हुआ है और यह 5,495 करोड़ रुपये रहा।
CEO अश्विनी गुप्ता ने बताया कि इस तिमाही की जबरदस्त ग्रोथ की वजह लॉजिस्टिक्स और मरीन बिजनेस में आई तेजी है। लॉजिस्टिक्स बिजनेस में 2 गुणा और मरीन बिजनेस में 2.9 गुणा की ग्रोथ देखी गई है। उन्होंने कहा कि हम अपनी ट्रैकिंग और इंटरनेशनल फ्रेट नेटवर्क सेवाओं के साथ-साथ MEASA (Middle East, Africa, South Asia) क्षेत्र में मरीन फ्लीट को तेजी से बढ़ा रहे हैं। इससे हमारा इंटिग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी मॉडल और मजबूत हुआ है, जो पोर्ट गेट से कस्टमर गेट तक सेवा देता है।
गौतम अडानी के पद बदलने और नई नियुक्तियों की खबर के बाद Adani Ports के शेयरों पर भी असर देखने को मिला। बुधवार को शेयरों में 2.72% की गिरावट आई और दिन में इसका स्तर 1,352.70 रुपये तक पहुंच गया था।
Adani Ports का भारत के कुल कार्गो बाजार में 27.8% और कंटेनर बाजार में 45.2% हिस्सा है, जो बाजार में उसके डॉमिनेंस को दर्शाता है।
Updated on:
06 Aug 2025 11:48 am
Published on:
06 Aug 2025 11:45 am