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खत्म हो जाएंगे 12% और 28% वाले टैक्स स्लैब, केंद्र के प्रपोजल को GoM ने दी मंजूरी, जानिए क्या-क्या होगा सस्ता

NEW GST Slabs: दो जीएसटी स्लैब हटाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर जीएसटी दर युक्तिकरण पर छह सदस्यीय मंत्री समूह ने मंजूरी दे दी है। 12% और 28% स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव है।

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GST Reforms

जीएसटी पर सरकार के प्रस्ताव को GoM ने दी मंजूरी (PC: Gemini)

12 और 28 फीसदी जीएसटी स्लैब को खत्म करने का रास्ता धीरे-धीरे साफ हो रहा है। जीएसटी दर युक्तिकरण पर छह सदस्यीय मंत्री समूह ने 2 जीएसटी स्लैब हटाने के केंद्र के प्रपोजल को एक्सेप्ट कर लिया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि वस्तु एवं सेवा कर की दर को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित छह सदस्यीय मंत्री समूह (GoM) ने केंद्र के 12% और 28% स्लैब को ख़त्म करने और टैक्स को 5% और 18% के दो स्लैब में समेकित करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

पीएम ने 15 अगस्त को दिये थे संकेत

वहीं, मीडिया से बात करते हुए, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि अल्ट्रा-लग्ज़री कारों पर 40% जीएसटी दर लगनी चाहिए। चौधरी की अध्यक्षता में जीओएम ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और जीएसटी रेट्स के प्रस्ताव पर चर्चा की। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से जीएसटी में कटौती के संकेत दिये थे।

कुछ राज्यों को हैं आपत्तियां

चौधरी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, "हर किसी ने केंद्र द्वारा किए गए प्रस्तावों पर सुझाव दिए। कुछ राज्यों की कुछ आपत्तियां हैं। इसे जीएसटी परिषद को भेजा गया है। परिषद फैसला लेगी। केंद्र सरकार के दो स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया और इसका समर्थन किया गया। हमने सिफ़ारिशें की हैं।" मंत्री ने आगे कहा कि जीएसटी परिषद दरों पर फैसला लेगी। साथ ही उन्होंने कहा, “हमने भारत सरकार के 12% और 28% के जीएसटी स्लैब को ख़त्म करने के दो प्रस्तावों का समर्थन किया है।”

मुआवज़ा उपकर, स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा और दर युक्तिकरण पर जीएसटी परिषद द्वारा गठित जीओएम को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, “दर को तर्कसंगत बनाने से आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग और एमएसएमई को अधिक राहत मिलेगी। साथ ही एक सरल, पारदर्शी और विकास-उन्मुख कर व्यवस्था सुनिश्चित होगी।”

जीओएम के एजेंडे में इन विषयों पर चर्चा शामिल थी:


  1. वस्तुओं और सेवाओं को ‘मेरिट’ और ‘स्टैंडर्ड’ के रूप में वर्गीकृत करने और उन पर 5 और 18 प्रतिशत की दर लगाने का केंद्र का प्रस्ताव।




  2. 'सिन गुड्स' (Sin Goods) सहित 5-7 चीजों पर 40% की विशेष दर लगाने का प्रस्ताव।




  3. केंद्र के प्रस्ताव में 12 और 28 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त करना भी शामिल है। जिसमें 12 प्रतिशत ब्रैकेट की 99 प्रतिशत वस्तुओं को 5 प्रतिशत में और 28 प्रतिशत स्लैब की 90 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत में पुनर्वर्गीकृत किया जाएगा।

कौन से प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते?

2 जीएसटी स्लैब को हटाने से कई उत्पादों की कीमतें कम हो जाएंगी। कार, एसी, टीवी और घी जैसे कई प्रोडक्ट्स के दाम गिर जाएंगे। टूथ पाउडर, भुजिया, नमकीन, आलू चिप्स, केचअप, जैम, मायोनीज, पैक्ड जूस, पास्ता, नूडल्स, बटर चीज़, घी और कंडेंस्ड मिल्क को 5 फीसदी जीएसटी स्लैब में लाया जा सकता है। वहीं, छोटी गाड़ियों, एसी और टीवी को 28 फीसदी स्लैब की जगह 18 फीसदी के स्लैब में डाला जा सकता है। इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को भी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर सकते हैं या जीरो भी कर सकते हैं।