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कस्टमर के आगे झुका ICICI Bank ! 50 हजार नहीं, अब सिर्फ इतना रखना होगा मिनिमम बैलेंस

ICICI Bank Minimum Balance : ICICI बैंक को अपने ग्राहकों के गुस्से के आगे झुकना पड़ा है। कुछ ही दिनों पहले बैंक ने शहरी इलाकों में नए बचत खाता धारकों के लिए न्यूनतम औसत शेष (MAB) राशि को सीधे 10,000 रुपये से बढ़ा कर 50,000 रुपये कर दिया था। इस फैसले के बाद ग्राहकों में […]

भारत

MI Zahir

Aug 13, 2025

ICICI Bank minimum balance hike
आईसीआईसीआई बैंक में न्यूनतम बैलेंस की सीमा बदली। (फोटो: X Handle PSB Punch/ IANS)

ICICI Bank Minimum Balance : ICICI बैंक को अपने ग्राहकों के गुस्से के आगे झुकना पड़ा है। कुछ ही दिनों पहले बैंक ने शहरी इलाकों में नए बचत खाता धारकों के लिए न्यूनतम औसत शेष (MAB) राशि को सीधे 10,000 रुपये से बढ़ा कर 50,000 रुपये कर दिया था। इस फैसले के बाद ग्राहकों में भारी आक्रोश देखने को मिला। बैंक के संशोधित नियमों के अनुसार ( ICICI savings account rule) घटाई गई राशि (ICICI Bank Minimum Balance) अभी भी पुराने नियम (10,000 रुपये) से अधिक है, लेकिन पहले के मुकाबले काफी राहत भरी मानी जा रही है।

अब कम हुआ मिनिमम बैलेंस, शहरी ग्राहकों को राहत

ग्राहकों की आलोचना और विरोध को देखते हुए ICICI बैंक ने अपने फैसले में बदलाव किया है। अब शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए न्यूनतम बैलेंस 50,000 की जगह सिर्फ 15,000 रुपये करना होगा। यानी अब किसी भी नए ग्राहक को अपने बचत खाते में औसतन महीने भर में 15,000 रुपये बनाए रखने होंगे।

अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में भी बदलाव

बैंक ने सिर्फ शहरी नहीं, बल्कि अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी नए ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस को 25,000 रुपये से घटाकर 7,500 रुपये कर दिया है। वहीं, पुराने ग्राहकों के लिए अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में यह नियम पहले जैसा ही रहेगा, यानी उन्हें अभी भी केवल 5,000 रुपये का औसत बैलेंस बनाए रखना होगा।

किसके लिए कितनी की है मिनिमम राशि

आईसीआईसीआई बैंक ने मेट्रो और शहरी क्षेत्रों के लिए बचत खातों में न्यूनतम मासिक औसत शेष राशि को संशोधित कर ₹15,000, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए ₹7,500 और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ₹2,500 कर दी है।

अन्य बैंकों की तुलना में अब भी ज्यादा है ICICI का मिनिमम बैलेंस

जहां एक तरफ SBI जैसे बड़े बैंक पहले ही न्यूनतम शेष राशि की शर्त को खत्म कर चुके हैं, वहीं दूसरी ओर ICICI बैंक अब भी बाजार में सबसे उच्च MAB रखने वाला बैंक बना हुआ है।

ICICI का यह नया नियम राहत भरा

भारत में ज्यादातर बैंक ग्राहकों से 2,000 रुपये से 10,000 रुपये तक का ही औसत बैलेंस बनाए रखने की शर्त रखते हैं। ऐसे में ICICI का यह नया नियम राहत भरा तो है, लेकिन अभी भी आम आदमी की जेब पर दबाव बनाता है।

ग्राहक बोले – "बैंक को समझना चाहिए आम आदमी की परेशानी"

ICICI बैंक के इस कदम के बाद सोशल मीडिया पर कई ग्राहकों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। लोगों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में एक आम इंसान के लिए 50,000 रुपये खाते में रखना मुश्किल है। बैंक को अपने नियम आम आदमी की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए तय करने चाहिए।

अब भी बाकी बैंकों की तुलना में ज्यादा

अब ICICI बैंक ने भारी विरोध के बाद अपने न्यूनतम बैलेंस नियम में संशोधन कर राहत जरूर दी है, लेकिन यह अब भी बाकी बैंकों की तुलना में ज्यादा है। ग्राहकों की उम्मीद यही है कि बैंक भविष्य में और लचीलापन दिखाएगा और आम लोगों की स्थिति को समझेगा।

जानिए, बाकी बैंक क्या कर रहे हैं ?

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने तो 2020 में ही मिनिमम बैलेंस की शर्त खत्म कर दी थी। वहीं, कई निजी बैंक 2,000 से 10,000 रुपये तक की लिमिट ही रखते हैं। ICICI अब भी अपेक्षाकृत अधिक राशि की मांग कर रहा है।

डिजिटल बैंकिंग में बढ़त, फिर भी इतना बैलेंस क्यों ?

बहरहाल आज की डिजिटल दुनिया में जहां ज़्यादातर ट्रांज़ैक्शन ऑनलाइन होते हैं, वहां इतना ऊंचा न्यूनतम बैलेंस रखना कितना जरूरी है? ग्राहकों का सवाल यही है कि जब सेवाएं डिजिटल हो गई हैं, तो बैलेंस लिमिट में भी लचीलापन क्यों नहीं?