Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

अब 2 दिन नहीं सिर्फ इतने घंटे में क्लियर होगा आपका चेक, जानें RBI का नया CTS सिस्टम

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बुधवार को चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) को कंटीन्यूअस क्लिरिंग एंड सेटलमेंट ऑन रियलाइजेशन में परिवर्तित करने का ऐलान किया गया।

RBI Governor Sanjay Malhotra
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (Photo-IANS)

Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार (13 अगस्त 2025) को चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) को कंटीन्यूअस क्लिरिंग एंड सेटलमेंट ऑन रियलाइजेशन में बदलने का ऐलान किया। इस नए सिस्टम से चेक क्लियर होने का समय दो दिन से घटकर मात्र कुछ घंटों का रह जाएगा। यह कदम चेक क्लियरिंग प्रक्रिया को तेज और कुशल बनाने के लिए उठाया गया है। RBI के अनुसार, नया सिस्टम दो चरणों में लागू होगा-पहला चरण 4 अक्टूबर 2025 से 3 जनवरी 2026 तक और दूसरा चरण 3 जनवरी 2026 से शुरू होगा।

नया सिस्टम कैसे काम करेगा?

नए सिस्टम में चेक सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक प्रेजेंटेशन सेशन में जमा किए जाएंगे। चेक प्राप्त करने वाली बैंक इसे स्कैन कर क्लिरिंग हाउस को भेजेगी, जो चेक की इमेज को राशि अदा करने वाले बैंक तक पहुंचाएगी। कॉन्फर्मेशन सेशन सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक होगा, जिसमें बैंक को चेक की स्वीकृति या अस्वीकृति देनी होगी। पहले चरण में चेक क्लियर करने की समय सीमा शाम 7 बजे तक होगी, जबकि दूसरे चरण में यह घटकर तीन घंटे हो जाएगी। इससे चेक क्लियरेंस की प्रक्रिया त्वरित और पारदर्शी होगी।

जोखिमों को कम करने के लिए AI का इस्तेामल

RBI ने वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के नैतिक उपयोग के लिए 'फ्रेमवर्क फॉर रिस्पॉन्सिबल एंड एथिकल एनेबलमेंट ऑफ AI' (FREAI) की समिति की रिपोर्ट भी पेश की। इस ढांचे में 7 सूत्रीय सिद्धांत और 6 रणनीतिक स्तंभों के तहत 26 सुझाव दिए गए हैं। इसका उद्देश्य AI की क्षमता का उपयोग करते हुए जोखिमों को कम करना और वित्तीय सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। यह कदम डिजिटल बैंकिंग और तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देगा।

ग्राहकों और बैंकों को फायदा

नया CTS सिस्टम ग्राहकों को तेज चेक क्लियरेंस की सुविधा देगा, जिससे व्यापार और व्यक्तिगत लेनदेन में समय की बचत होगी। साथ ही, AI फ्रेमवर्क बैंकों को सुरक्षित और नैतिक तकनीकी समाधान अपनाने में मदद करेगा। इन कदमों से भारत की बैंकिंग प्रणाली और अधिक आधुनिक और विश्वसनीय बनेगी।