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UPI के इस नियम में होगा बड़ा बदलाव, Phonepe, GPay, Paytm चलाने वालों को नहीं मिलेगी ये सुविधा

UPI new Changes: NPCI के नए नियमों के अनुसार 1 अक्टूबर 2025 से किसी भी UPI ऐप में P2P Collect Request काम नहीं करेगा। धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए इसे पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।

भारत

Devika Chatraj

Aug 14, 2025

UPI
UPI P2P पूरी तरह से बंद (File Photo)

New Changes for UPI Users: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के नियमों में एक बड़ा बदलाव करने की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। इस बदलाव के तहत, PhonePe, Google Pay, Paytm और अन्य UPI ऐप्स पर पीयर-टू-पीयर (P2P) 'Collect Request' या 'Pull Transaction' सुविधा को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य ऑनलाइन धोखाधड़ी को कम करना और UPI प्लेटफॉर्म की सुरक्षा को बढ़ाना है।

क्या है P2P Collect Request?

P2P Collect Request एक ऐसी सुविधा है, जिसके जरिए कोई यूजर किसी अन्य यूजर को पैसे भेजने की रिक्वेस्ट भेज सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप अपने दोस्त से बिल का हिस्सा मांगना चाहते हैं या कोई कर्ज चुकाने की याद दिलानी चाहते हैं, तो इस फीचर के जरिए आप रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। प्राप्तकर्ता को केवल UPI PIN डालकर भुगतान करना होता है। हालांकि, इस सुविधा का दुरुपयोग धोखेबाजों द्वारा किया जा रहा था, जो फर्जी रिक्वेस्ट भेजकर यूजर्स को भ्रमित कर पैसे ऐंठ लेते थे।

क्यों हो रहा है बदलाव?

NPCI के अनुसार, P2P Collect Request फीचर का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए बढ़ रहा था। फ्रॉड करने वाले लोग फर्जी पहचान या मांग के बहाने रिक्वेस्ट भेजते थे, और यूजर्स अनजाने में रिक्वेस्ट स्वीकार कर पैसे गंवा देते थे। इस सुविधा को बंद करने से ऐसी धोखाधड़ी की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी। NPCI ने पहले इस तरह की धोखाधड़ी को कम करने के लिए P2P लेनदेन की सीमा को 2,000 रुपये तक सीमित किया था, लेकिन अब इसे पूरी तरह हटाने का फैसला लिया गया है।

यूजर्स पर क्या होगा असर?

1 अक्टूबर 2025 से, PhonePe, Google Pay, Paytm और अन्य UPI ऐप्स यूजर्स P2P Collect Request भेज या प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसका मतलब है कि अब आपको पैसे भेजने के लिए QR कोड स्कैन करना होगा या प्राप्तकर्ता का UPI ID चुनकर PIN के जरिए भुगतान करना होगा। यह बदलाव व्यक्तिगत लेनदेन को प्रभावित करेगा, लेकिन मर्चेंट लेनदेन (जैसे Flipkart, Amazon, Swiggy, या IRCTC) पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मर्चेंट्स अभी भी ग्राहकों को पेमेंट रिक्वेस्ट भेज सकेंगे, जो सुरक्षित और रेगुलेटेड प्रक्रिया के तहत काम करेगा।

अन्य UPI नियमों में बदलाव

इससे पहले 1 अगस्त 2025 से NPCI ने कुछ नियमों में बदलाव किया है।

  • बैलेंस चेक की सीमा: यूजर्स अब एक दिन में केवल 50 बार अपने बैंक बैलेंस की जांच कर सकते हैं।
  • लिंक्ड अकाउंट देखने की सीमा: लिंक्ड बैंक अकाउंट्स की लिस्ट को दिन में 25 बार से ज्यादा नहीं देखा जा सकता।
  • ऑटोपे समय स्लॉट: ऑटोपे लेनदेन (जैसे EMI, सब्सक्रिप्शन) केवल निर्धारित समय पर होंगे - सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 से 5 बजे के बीच, और रात 9:30 बजे के बाद।
  • फेल्ड ट्रांजैक्शन स्टेटस: फेल हुए लेनदेन की स्थिति को दिन में केवल 3 बार चेक किया जा सकता है, जिसमें हर चेक के बीच 90 सेकंड का अंतर होना जरूरी है।
  • रिसीपिएंट का नाम: हर भुगतान से पहले रिसीपिएंट का रजिस्टर्ड नाम दिखाया जाएगा, जो गलत ट्रांसफर और धोखाधड़ी को रोकेगा।

ऑनलाइन धोखाधड़ी में होगी कमी

NPCI का कहना है कि ये बदलाव UPI सिस्टम को और अधिक सुरक्षित, तेज, और विश्वसनीय बनाने के लिए किए जा रहे हैं। P2P Collect Request को बंद करने से धोखाधड़ी की संभावना कम होगी, जबकि अन्य नियम सर्वर लोड को कम कर लेनदेन की गति बढ़ाएंगे।