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Personal Loan में लोगों के साथ हो रही ठगी, स्कैमर्स लगा रहे लाखों का चूना, इन 7 बातों का हमेशा रखें ध्यान

Personal Loan Scams: अगर कोई वित्तीय संस्था आपसे लोन अप्रूव करने से पहले ही प्रोसेसिंग फीस की डिमांड कर रही है, तो हो सकता है कि वह फ्रॉड हो। प्रोसेसिंग फीस अप्रूव्ड लोन राशि में से काटी जाती है।

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Personal Loan Scams

पर्सनल लोन के बहाने काफी फ्रॉड हो रहे हैं। (PC: Freepik)

Personal Loan: पर्सनल लोन से जुड़ी ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आजकल कई ऐसे ऐप्स हैं, जो लोन का लालच देते हैं। स्कैमर्स का निशाना वे लोग हैं, जो जल्दी लोन लेना चाहते हैं। इसी कारण, आरबीआई और प्रमुख वित्तीय संस्थान लगातार ईमेल, संदेशों और नोटिसों के जरिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। यहां 7 प्रमुख रेड फ्लैग्स दिये गए हैं, जिन पर ध्यान देकर आप इन धोखाधड़ियों से बच सकते हैं।

  1. अपफ्रंट फीस या पेमेंट डिमांड

कोई भी वैध लेंडर (वित्तीय संस्था) प्रोसेसिंग या अन्य शुल्क की मांग पहले नहीं करता, बल्कि इस शुल्क को स्वीकृत लोन राशि से काटता है। अगर कोई संस्था आपसे “प्रोसेसिंग फीस”, “बीमा” या “रजिस्ट्रेशन राशि” पहले मांगती है, तो यह स्कैम का साफ संकेत है। ऐसी किसी संस्था से दूर रहें। सही-गलत में अंतर करें और अपने अधिकारों की रक्षा करें।

  1. बिना क्रेडिट स्कोर जांचे, मिले बड़ी रकम की मंजूरी

अगर कोई कर्जदाता आपको बिना डॉक्यूमेंट चेक करे या बिना आपका सिबिल स्कोर देखे बड़ी रकम के लोन का इंस्टेंट अप्रूवल देता है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। असली कर्जदाता हमेशा आपकी क्रेडिट स्कोर की जांच करेगा और उसके अनुसार ही आपका लोन अप्रूव करेगा। इस तरह के बहुत आकर्षक ऑफर आमतौर पर धोखाधड़ी का संकेत होते हैं।

  1. तुरंत लोन लेने का दबाव बनाना

स्कैमर्स अक्सर “ऑफर आज खत्म हो रहा है”, “सीमित सीटें” या “अभी भुगतान करें” जैसे संदेश भेजकर झूठी तात्कालिकता पैदा करते हैं और आपको फंसाने के लिए दबाव बनाते हैं। ऐसे किसी दबाव में न आएं। विश्वसनीय संस्थान आपको नियम व शर्तें पढ़ने और समझने के लिए पर्याप्त समय देते हैं।

  1. लेंडर का आरबीआई में रजिस्ट्रेशन न होना

किसी भी संस्था से लोन लेने से पहले यह पक्का कर लें कि वह आरबीआई से अधिकृत बैंक या एनबीएफसी है या नहीं। अगर नहीं, तो यह जोखिम वाला सौदा है। अगर जरूरत महसूस हो, तो आप लोन अप्लाई करने से पहले वित्त मंत्रालय या आरबीआई से संपर्क करके संस्था की वैधता की पुष्टि कर सकते हैं, जिससे जोखिम का खतरा कम हो सकता है।

  1. कोई पक्का पता या आधिकारिक संपर्क जानकारी न होना

किसी भी वास्त्विक लेंडर के पास अपना स्पष्ट पता, ग्राहक सेवा नंबर और आधिकारिक वेबसाइट होती है। अगर इन चीजों का अभाव है, तो सावधान हो जाइए। इसके अलावा हमेशा पिछले ग्राहकों से उनका अनुभव पूछें और संभव हो, तो संस्था से व्यक्तिगत रूप से ही संपर्क करें।

  1. “सपने सच कर देने वाला” ऑफर

अगर कोई संस्था बहुत कम ब्याज दर पर बिना आय प्रमाण के बड़ा लोन या “गारंटीड अप्रूवल” देने का वादा कर रही है, तो समझ लें कि कुछ गड़बड़ है। अपने आप से पूछें: “कोई लेंडर ऐसा क्यों करेगा?” वैध वित्तीय संस्थान सभी ग्राहकों के लिए समान नियमों का पालन करते हैं और बेवजह किसी भी व्यक्ति को बेहिसाब बड़ी रकम का लोन अप्रूव नहीं करती हैं।

  1. संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी या असामान्य अनुमति की मांग

अगर कोई कर्जदाता आपसे बैंक डिटेल, ओटीपी, आधार या पैन नंबर मांगता है या कोई ऐप आपके फोन के कॉन्टैक्ट्स, मैसेज या मीडिया फाइल्स तक पहुंचना चाहती है, तो यह बड़ा खतरा है। ऐसे स्कैमर्स आपकी पहचान चोरी (आईडेंटिटी थेफ्ट) के साथ धन हड़पने या उत्पीड़न के लिए इस जानकारी का इस्तेमाल करते हैं।

कैसे रहें सुरक्षित?

पर्सनल लोन लेने से पहले हमेशा संस्था की विश्वसनीयता जांचें, सभी नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ें और किसी भी ऑफर पर जल्दबाजी या दबाव में आकर निर्णय न लें। सावधानी और जांच ही आपको ऐसे साइबर फ्रॉड और आर्थिक नुकसान से बचा सकती है।