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रेपो रेट में कमी, बैंकों को निर्देश और बेहतर भविष्य के संकेत, RBI गवर्नर के इन इशारों को समझिए

RBI liquidity measures: रिजर्व बैंक ने बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए कदमों का ऐलान किया है, जिससे विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारतीय बाजार में दिलचस्पी बढ़ सकती है।

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RBI Repo Rate Cut

आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को ग्राहकों की शिकायतों के जल्द निपटारे के निर्देश दिए हैं। (PC: ANI)

RBI Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जहां रेपो रेट में कमी करके EMI का बोझ कुछ हल्का करने का प्रयास किया है। वहीं, ग्राहकों की शिकायतों का तुरंत निपटारा करने के निर्देश बैंकों को दिए हैं। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताए हुए यह भी स्पष्ट किया कि बैंकों को ग्राहक की शिकायतों को गंभीरता से लेना होगा।

ग्राहकों को सबसे पहले रखें

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को अपनी नीतियों एवं कामकाज में ग्राहकों को सर्वोपरि रखते हुए शिकायतों का तेजी से निपटारा करना होगा। उन्होंने बताया कि आरबीआई लोकपाल के पास एक महीने से अधिक समय से लंबित शिकायतों के समाधान के लिए 1 जनवरी, 2025 से विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान पूरे दो महीने चलेगा।

शिकायतों में आया उछाल

संजय मल्होत्रा ने कहा कि बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त होने के चलते आरबीआई लोकपाल के पास लंबित शिकायतों के मामले में इजाफा हुआ है। हम 1 जनवरी से दो महीने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे। ताकि सभी लंबित शिकायतों का समाधान किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि बैंक और NBFC को अपने ग्राहकों को सर्वोपरि रखना चाहिए। ग्राहकों की शिकायतों पर गंभीरता दिखाएं और उन्हें जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास करें।

आगे भी कटौती संभव

आरबीआई गवर्नर ने बैठक की जानकारी देते हुए कई ऐसी बातें कही हैं, जो देश के आर्थिक विकास में लोगों के विश्वास को मजबूत करती हैं और बेहतर भविष्य के संकेत देती हैं। उन्होंने कहा कि जीडीपी ग्रोथ में तेजी आई है, भारत में निवेश बढ़ रहा है, महंगाई आने वाले समय में और कम हो सकती है। यदि वास्तव में महंगाई आगे भी कम होती है, तो रेपो रेट में कटौती की संभावना बनी रहेगी। जाहिर है इससे ईएमआई का बोझ और हल्का हो सकेगा। यानी आने वाला समय राहत भरा हो सकता है।

मार्केट के लिए अच्छे संकेत

एक्स्पर्ट्स मानते हैं कि आरबीआई ने मार्केट में तरलता बढ़ाने के लिए जिन कदमों का ऐलान किया है, उससे विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारतीय बाजार में दिलचस्पी बढ़ेगी। उनका कहना है कि आरबीआई द्वारा दिसंबर में एक लाख करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड खरीदने का ऐलान, बाजार में अतिरिक्त लिक्विडिटी को बढ़ावा देगा। यह निश्चित तौर पर मार्केट लिए अच्छे संकेत हैं और निवेशकों को इसका लाभ मिल सकता है।