Retail Inflation: महंगाई के मोर्चे पर जनता को बड़ी राहत मिली है। जुलाई में खुदरा महंगाई दर में और गिरावट आई है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बेस्ड महंगाई दर जुलाई में गिरकर 1.55 फीसदी रही है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आने से खुदरा महंगाई में यह गिरावट आई है। जून 2017 के बाद से साल-दर-साल खुदरा महंगाई का यह सबसे निचला स्तर है। सांख्यिकी मंत्रालय ने मंगलवार शाम महंगाई के ये आंकड़े जारी किये हैं।
जुलाई में खुदरा महंगाई दर इस साल जून की 2.1 फीसदी महंगाई दर की तुलना में 55 आधार अंक कम थी। इस साल जुलाई में खाद्य महंगाई निगेटिव दर्ज हुई है। यह -1.76 फीसदी रह गई है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में काफी गिरावट आई है। जून की तुलना में जुलाई में खाद्य महंगाई में 75 आधार अंकों की गिरावट आई।
जुलाई 2025 में खुदरा महंगाई और खाद्य महंगाई में आई बड़ी गिरावट का प्रमुख कारण अनुकूल बेस इफेक्ट और दालों, सब्जियों, अनाजों, अंडे व चीनी की महंगाई में गिरावट आना है। परिवहन, संचार और शिक्षा की लागत में गिरावट के कारण भी महंगाई दर में कमी आई है। इसके अलावा, इस महीने हाउसिंग इन्फ्लेशन में भी हल्की गिरावट आई है।
इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2025-26 के लिए भारत की खुदरा महंगाई 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, क्योंकि अच्छे मानसून और मजबूत खरीफ फसल की बुवाई से खाद्य कीमतों के नियंत्रण में रहने की उम्मीद है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा, "2025-26 के लिए महंगाई का आउटलुक जून में लगाए अनुमान की तुलना में अधिक सौम्य हो गया है। अनुकूल बेस इफेक्ट, अच्छे मानसून, खरीफ की मजबूत बुवाई, पर्याप्त जलाशय स्तर और खाद्यान्न के आरामदायक बफर स्टॉक ने इस नरमी में योगदान दिया है।"
Published on:
12 Aug 2025 05:36 pm