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Retirement Planning: 10 साल में चाहिए 1 करोड़ रुपये? SIP का ये फॉर्मूला आएगा काम, महंगाई का भी नहीं पड़ेगा असर

Personal Finance Tips: निवेश में हमेशा महंगाई का ध्यान रखना चाहिए। महंगाई के चलते रुपयों की परचेजिंग कैपेसिटी समय के साथ घटती जाती है। इसलिए निवेश का रिटर्न महंगाई को मात देने वाला होना चाहिए।

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एसआईपी से लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है। (PC: Pexels)

Retirement Planning: पूरी जवानी काम करने के बाद रिटायरमेंट की लाइफ आराम से गुजरे इसके लिए जरूरी है कि हम आज से ही इसकी प्लानिंग शुरू कर दें, क्योंकि वक्त से बड़ा कोई धन नहीं। जितना जल्दी आप शुरू करेंगे उतनी बड़ी पूंजी अपनी रिटायरमेंट लाइफ के लिए जमा कर पाएंगे। रिटायरमेंट प्लानिंग एक लंबी अवधि का लक्ष्य है, यानी अगर आप 24-25 साल की उम्र में भी अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करते हैं, तो आपके पास तकरीबन 35 साल होते हैं। अगर आप म्यूचुअल फंड्स के जरिए अपने रिटायरमेंट प्लानिंग करते हैं तो आपको कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

उम्र बढ़ने के साथ रिस्की एसेट्स कम करें

जब आप युवा होते हैं, तब आपकी रिस्क लेने की क्षमता भी ज्यादा होती है। उस समय आप ज्यादा रिटर्न के लिए ज्यादा जोखिम वाले एसेट्स में निवेश करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरता है आपकी उम्र बढ़ती है तो आपके रिस्क लेने की क्षमता भी कम होती जाती है। इसलिए जरूरी है कि अपने पोर्टफोलियो को धीरे-धीरे ज्यादा जोखिम वाले एसेट्स से कम जोखिम वाले एसेट्स में ट्रांसफर करते जाएं। जब आप रिटायरमेंट के बिल्कुल करीब होते हैं, तो आपके पोर्टफोलियो में रिस्क एसेट्स नहीं के बराबर होने चाहिए, क्योंकि उस वक्त आप अपने पैसों के साथ जोखिम नहीं ले सकते।

महंगाई का फैक्टर हमेशा ध्यान रखें

मान लीजिए कि आपकी उम्र 50 साल है, 10 साल में आप रिटायर होने वाले हैं और इन 10 सालों में आपको 1 करोड़ रुपये चाहिए। आप अगर पहले से म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए कुछ निवेश करते आए हैं, तो मैं मानकर चलता हूं कि आपका पोर्टफोलियो 20 लाख रुपये का होंगे।

अब आपको 1 करोड़ रुपये 10 साल बाद चाहिए, चूंकि आपके पास पहले से ही 20 लाख रुपये पोर्टफोलियो में है, तो आपको 80-90 लाख रुपये और चाहिए ताकि आप 1 करोड़ से ज्यादा की रकम का कॉर्पस बना पाएं। 80-90 लाख रुपये की रकम के लिए आपको म्यूचुअल फंड में हर महीने अगले 10 साल तक 40,000 रुपये की SIP करनी होगी। SIP कैलकुलेटर के हिसाब से 10 साल में 40,000 रुपये की SIP से 12% रिटर्न के हिसाब से 90-91 लाख रुपये की रकम इकट्ठा हो जाएगी।

ऐसे जमा होगी 1.53 करोड़ रुपये की रकम

आपके म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में पहले से मौजूद 20 लाख रुपये हैं, उसकी वैल्यू भी 12% के रिटर्न के हिसाब से 10 साल बाद बढ़कर करीब 62-63 लाख रुपये हो जाएगी। यानी आपके पोर्टफोलियो में दोनों निवेशों को जोड़ने पर 91 लाख रुपये (40,000 की SIP से) + 63 लाख रुपये (पहले से मौजूद 20 लाख के पोर्टफोलियो से ) = 1.53 करोड़ रुपये की रकम होगी। यानी आप आराम से 1 करोड़ रुपये का अपना टार्गेट हासिल कर लेंगे।

बढ़ा सकते हैं SIP की रकम

लेकिन यहां पर हम महंगाई के फैक्टर को एडजस्ट करना भूल जाते हैं। हमने जो 90 लाख रुपये 10 साल में बनाए हैं, 6% की महंगाई के हिसाब से उसकी वैल्यू आज से 10 साल बाद 50-51 लाख रुपये ही होगी। यानी जो रिटर्न आपको 12% का दिख रहा है, असल में वो सिर्फ 6% ही है। इसके लिए जरूरी है कि महंगाई के फैक्टर को ध्यान में रखें और हर साल अपनी SIP को 10% बढ़ाते जाएं। अगर आप ऐसा करते हैं तो 10 साल बाद आपके पास करीब 1.90 करोड़ रुपये का अच्छा खासा कॉर्पस होगा। SIP को 10% हर साल बढ़ाते जाएंगे तो आपके पास 12% रिटर्न के साथ 10 साल जो रकम मिलेगी वो करीब 1.30 करोड़ रुपये होगी, अब 20 लाख रुपये एकमुश्त रकम से बने 63 लाख रुपये को इसमें जोड़ेंगे तो कुल कॉर्पस 1.90 करोड़ रुपये अधिक का हो जाएगा।

महंगाई से घटती है रुपयों की परचेजिंग कैपेसिटी

दरअसल, महंगाई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ाकर धीरे-धीरे पैसे की वैल्यू को कम करती है। आज जो हमें बड़ी राशि लगती है, भविष्य में उसकी वैल्यू उतनी ज्यादा नहीं होती है। अभी हमने जो 1.90 करोड़ रुपये का कॉर्पस बनाने की बात की है, दरअसल 10 साल बाद उसकी वैल्यू 1 करोड़ रुपये के करीब होगी, क्योंकि 6% महंगाई का फैक्टर इसमें हमने एडजस्ट किया है। यानी इन 10 सालों में करीब आपकी 90-91 लाख रुपये की रकम महंगाई खा जाएगी।