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पेंशन, टैक्‍स से LPG तक 1 दिसंबर से बदल जाएंगे कई नियम, जानें आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर

New rules: 1 दिसंबर से नए वित्तीय नियम और कानून लागू होने वाले हैं, जिनका मासिक बजट, जरूरी सेवाओं और बचत पर सीधा असर पड़ने की संभावना है। 1 दिसंबर से क्या-क्या बदलाव होने वाले हैं, इस पर एक नजर डालें।

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Rules Change

1 दिसंबर से बदल जाएंगे कई नियम (फोटो सोशल मीडिया)

Rule Change: जैसे-जैसे नवंबर खत्म होने को है, वैसे ही दिसंबर की शुरुआत के साथ कई महत्वपूर्ण वित्तीय नियम और बदलाव लागू होने जा रहे हैं। इन बदलावों का सीधा असर आपकी जेब, जरूरी सेवाओं और बचत पर पड़ सकता है। आइए जानें 1 दिसंबर से क्या-क्या बदलने वाला है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत केंद्र सरकार के वे कर्मचारी, जो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से UPS में शिफ्ट होना चाहते हैं, उन्हें 30 नवंबर से पहले अपना विकल्प जमा करना अनिवार्य है। सरकार पहले ही एक बार डेडलाइन बढ़ा चुकी है, लेकिन अब अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि 1 दिसंबर के बाद यह विंडो दोबारा नहीं खुलेगी। इसलिए जिन कर्मचारियों ने अभी तक अपना विकल्प नहीं दिया है, वे तुरंत प्रक्रिया पूरी कर लें।

पेंशनर्स के लिए जीवन प्रमाण पत्र

देशभर के लाखों पेंशनभोगियों के लिए सालाना जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करने की अंतिम तिथि भी 30 नवंबर है। अगर पेंशनर्स इस तारीख तक प्रमाण पत्र जमा नहीं करते, तो दिसंबर से उनकी पेंशन अस्थायी रूप से रोक दी जा सकती है। इसके बाद पेंशन पुनः शुरू होने में कुछ समय लग सकता है, क्योंकि संबंधित विभाग को उनके दस्तावेजों का दोबारा सत्यापन करना होगा। हालांकि, ‘जीवन प्रमाण’ मोबाइल ऐप और कई बैंकों की डोरस्टेप सेवाओं के जरिए भी यह प्रक्रिया आसान तरीके से पूरी की जा सकती है।

LPG की कीमत

हर महीने की तरह इस बार भी 1 दिसंबर को रसोई गैस (LPG) सिलेंडर के दाम संशोधित किए जाएंगे। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव के आधार पर यह बदलाव किए जाते हैं। हाल के महीनों में LPG की कीमतों में कुछ स्थिरता देखी गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस बार मामूली बढ़ोतरी या कमी, दोनों ही संभावनाएं बराबर हैं।

टैक्स का नियम

अगर आपके अक्टूबर में TDS की कटौती हुई है, तो सेक्शन 194-IA, 194-IB, 194M और 194S के तहत संबंधित स्टेटमेंट जमा करना अनिवार्य है, जिसकी अंतिम तिथि 30 नवंबर तय की गई है। इसके साथ ही, जिन टैक्सपेयर्स को सेक्शन 92E के तहत ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट फाइल करनी होती है, वे भी 30 नवंबर से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर लें। निर्धारित समय सीमा चूकने पर पेनल्टी और अतिरिक्त ब्याज का सामना करना पड़ सकता है।