होम लोन में ब्याज की बचत (सेविंग) करने के कई तरीके हैं। लोन अवधि कम करके ब्याज के रूप में जाने वाली कुछ रकम बचा सकते हैं। लेकिन इसमें ईएमआई की रकम ज्यादा बन जाती है। दूसरा और सबसे प्रभावी तरीका है होम लोन प्रीपेमेंट। आप हर साल एक ईएमआई एक्सट्रा देकर या लोन राशि का 5 से 10% प्रीपेमेंट करके काफी ब्याज बचा सकते हैं। लेकिन इसमें एक समस्या है कि जरूरत पड़ने पर आप नॉर्मल होम लोन खाते से फंड नहीं निकाल सकते।
होम लोन ओवरड्राफ्ट (OD) खाता खुलवाकर भी आप ब्याज में बचत कर सकते हैं। साथ ही जरूरत पड़ने पर इस खाते से सरप्लस पैसे निकाल सकते हैं और जब चाहें जमा भी कर सकते हैं।
होम लोन ओवर ड्राफ्ट अकाउंट आपको अपने होम लोन खाते में अतिरिक्त नकदी जमा करने की सुविधा देता है, जिससे लोन पर लगने वाला ब्याज कम होता है और पुनर्भुगतान अवधि भी घट जाती है। हालांकि, इसमें ब्याज दर थोड़ी अधिक हो सकती है। इसके बावजूद नॉर्मल होम लोन खाते के मुकाबले इससे काफी बचत होने की संभावना रही है। देश के बड़े बैंक नॉर्मल होम लोन के मुकाबले होम लोन ओडी खाते में 0.2% से 0.5% तक अधिक ब्याज वसूलते हैं।
ग्राहक अपने होम लोन ओडी खाते में अतिरिक्त धनराशि जमा कर सकते हैं। बैंक केवल प्राथमिक ऋण राशि पर ही ब्याज लेता है। जमा की गई अतिरिक्ति राशि दी गई लोन राशि में से घटा दी जाती है। इससे बची हुई लोन राशि पर ही ब्याज लगता है, जिससे होम लोन पर कम ब्याज देना होता है और लोन की अवधि भी घट जाती है।
होम लोन ओडी अकाउंट से जब चाहें, सरप्लस राशि निकाल सकते हैं और जब चाहें इसमें पैसे जमा कर सकते हैं। इससे इमरजेंसी में पैसे निकाल सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ओड़ी खाते में जमा सरप्लस राशि पर कोई रिटर्न नहीं मिलता है, जबकि इक्विटी और डेट में इस राशि को निवेश कर मोटा रिटर्न जनरेट किया जा सकता है। इसलिए ओडी खाता चुनने से पहले इसके नफा-नुकसान को अच्छी तरह समझ लें।
Published on:
07 Aug 2025 10:04 am