1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों-पेंशनरों की दिल की धड़कनें अचानक तेज हो गई हैं, क्योंकि इससे पहले आए 7 Pay Commission के शुरू होने से लागू होने तक की समयसीमा को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। जानकारों के मुताबिक आजादी के बाद अब तक 7 बार वेतन आयोग गठित किए जा चुके हैं। इन आयोगों ने न सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों का वेतन और भत्ते तय किए, बल्कि राज्यों और सार्वजनिक उपक्रमों के लिए भी मानक तैयार किए।
एजी ऑफिस ब्रदरहुड, प्रयागराज के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी बताते हैं कि दिलचस्प बात यह है कि पहला वेतन आयोग आजादी से पहले 1946 में बना था और उसकी सिफारिशें उसी साल लागू भी कर दी गई थीं। यही वह पहला वेतन आयोग था जिसने सबसे कम समय लिया। इसके बाद हर 10 साल पर आयोग गठित होते रहे ताकि कर्मचारियों के वेतन को महंगाई और जीवनयापन की लागत के हिसाब से अपडेट किया जा सके और सबने अपने हिसाब से सिफारिशें देनें में समय लिया।
जानकार मानते हैं कि छठे और 7वें वेतन आयोग ने व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया। छठे आयोग ने जोखिम बीमा की जगह जोखिम भत्ता (6th Pay Commission Risk Allowance) शुरू किया, जबकि 7वें आयोग ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की। 7वें आयोग ने न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी कर वेतन ढांचे को और बेहतर किया।
अब कर्मचारियों की निगाहें 8वें केंद्रीय वेतन आयोग पर टिकी हैं। जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने इसके गठन को मंजूरी दे दी थी, लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी न तो आयोग का औपचारिक गठन हुआ है और न ही इसके Terms of Reference (ToR) तय किए गए हैं। यही देरी कर्मचारियों की बेचैनी बढ़ा रही है।
कर्मचारी संगठनों की सरकार से हुई चर्चा के मुताबिक 8वां वेतन आयोग कई बड़े बदलाव ला सकता है :
मिनिमम बेसिक पे : बेसिक पे में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि यह 34 फीसदी तक हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर : इसमें बदलाव संभव है, जिससे सभी ग्रेड के कर्मचारियों का वेतन स्वतः बढ़ेगा। एक्सपर्ट इसके 1.92 से 2.46 के बीच होने का अनुमान जता रहे हैं।
भत्तों की समीक्षा : महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) और यात्रा भत्ता (TA) को वर्तमान जीवन-यापन की लागत के हिसाब से संशोधित किया जा सकता है।
पेंशन सुधार : पेंशन डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम को नई वेतन संरचना के अनुरूप बेहतर करने की सिफारिश हो सकती है।
परफॉर्मेंस आधारित प्रमोशन : बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए परफॉर्मेंस आधारित प्रमोशन (Performance Pay) जोड़े जाने की चर्चा है।
Pay Scale अपग्रेडेशन: मंत्रालयों और विभागों में कुछ कैडरों के वेतनमान को मिलाने और अपग्रेड करने पर विचार किया जा सकता है।
इतिहास पर नजर डालें तो छठे और सातवें वेतन आयोग को गठन से लागू होने तक लगभग 22 महीने का समय लगा था। ऐसे में यह माना जा रहा है कि 8वें आयोग की सिफारिशें लागू होने में भी करीब दो साल लग सकते हैं। हरिशंकर तिवारी का कहना है कि कर्मचारी फिलहाल अपने मौजूदा बेसिक वेतन पर संभावित फिटमेंट फैक्टर लगाकर अनुमानित नए वेतन का हिसाब निकाल सकते हैं।
Updated on:
22 Sept 2025 12:58 pm
Published on:
22 Sept 2025 12:56 pm