
सितंबर तिमाही में कंपनियों का रिजल्ट अच्छा रहा है। (PC: ANI)
भारतीय कंपनियों ने सितंबर तिमाही में मजबूत परफॉर्मेंस दी है। निफ्टी 500 कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ साल-दर-साल 15% बढ़ा है। यह प्रॉफिट ग्रोथ पिछली पांच तिमाहियों में सबसे अधिक है। रिफाइनिंग, सीमेंट, बैंकिंग, NBFC और कैपिटल गुड्स सेक्टर ने विशेष रूप से अच्छा परफॉर्म किया है। पिछली 8 तिमाहियों में भारतीय कंपनियों के कुल शुद्ध लाभ की तुलना से पता चला है कि कौन सा सेक्टर वाकई मुनाफे में रहा है।
सितंबर 2025 की तिमाही में भारत की कंपनियों ने मजबूत कमाई दर्ज की है। महंगाई कम रहने और ब्याज दरों में कटौती के कारण निफ्टी-500 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा साल-दर-साल 15 प्रतिशत बढ़ा है। यह पिछली पांच तिमाहियों में सबसे अधिक है। इस मुनाफे में रिफाइनिंग, सीमेंट व कैपिटल गुड्स सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन भी शामिल है।
इन तीन सेक्टर्स को हटाने पर मुनाफे की वृद्धि घटकर 7.7% रह जाती है। वहीं, इस तिमाही में ऑटोमोबाइल सेक्टर का परफॉर्मेंस कमजोर रहा, जिसका कारण टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स था। अगर ऑटोमोबाइल सेक्टर को बाहर कर दिया जाए, तो कुल कमाई की वृद्धि 15 प्रतिशत से बढ़कर 16.9 प्रतिशत सालाना हो जाती है।
कैपिटल गुड्स सेक्टर को अच्छे ऑर्डर मिलने और बेहतर कामकाज से फायदा हुआ। सीमेंट इंडस्ट्री में कच्चे माल की लागत स्थिर रहने से मुनाफा बढ़ा। तेल रिफाइनिंग और मार्केटिंग कंपनियों ने भी मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन के सहारे अच्छा प्रदर्शन किया। बैंकों ने भी मार्जिन में सुधार और अच्छी क्रेडिट ग्रोथ के साथ स्थिर नतीजे दिए। वहीं, गोल्ड लोन की तेज बढ़त के कारण एनबीएफसी ने बेहतर प्रदर्शन किया।
मोतीलाल ओसवाल की अर्निंग्स रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी 50 की कमाई 2025-26 की पहली छमाही के 5 प्रतिशत से बढ़कर दूसरी छमाही में साल-दर-साल 11 फीसदी होने का अनुमान है। ब्रोकरेज हाउस ने 2025-26 के लिए निफ्टी 50 के ईपीएस अनुमान में 1.2 फीसदी और 2026-27 के लिए 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी भी की है। वहीं, नुवामा की रिपोर्ट साल 2026 में मांग को लेकर अनिश्चितता जताती है, जिसका कारण कॉरपोरेट कैपेक्स में कटौती और राजकोषीय सख्ती बताया गया है।
Published on:
01 Dec 2025 11:55 am
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