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एक ही दिन में लोगों के डूब गए 6 लाख करोड़ रुपये, शेयर बाजार में क्यों आई यह जबरदस्त गिरावट?

Why Share Market Down Today: बीएसई सेंसेक्स आज 849 अंक की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ है। वहीं, एनएसई निफ्टी 255 अंक की गिरावट के साथ 24,712 पर बंद हुआ है।

Why Share Market Down Today
मार्केट में आज बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। (PC: Gemini)

भारतीय शेयर बाजार आज बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 1.04 फीसदी या 849 अंक टूटकर 80,786 पर बंद हुआ। मार्केट बंद होते समय सेंसेक्स पैक के 30 शेयरों में से 5 शेयर हरे निशान पर और 25 शेयर लाल निशान पर बंद हुए। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी आज 1.02 फीसदी या 255 अंक की गिरावट के साथ 24,712 पर बंद हुआ है। इसके अलावा बीएसई मिडकैप में 1.34 फीसदी और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 1.68 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।

निवेशकों के 6 लाख करोड़ रुपये डूबे

शेयर बाजार में आई इस भारी-भरकम गिरावट से निवेशकों के सिर्फ एक सत्र में ही 6 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 455 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 449 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है।

क्यों आई शेयर बाजार में यह गिरावट?

अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के लिए ड्राफ्ट नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद आज भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया, "यह बढ़ा हुआ टैरिफ भारतीय उत्पादों पर जो 27 अगस्त, 2025 को सुबह 12:01 बजे (EDT) या उसके बाद कंजंप्शन के लिए एंट्री करेंगे या कंजंप्शन के लिए गोदाम से निकाले जाएंगे, उन पर लागू होगा।"

कल खत्म हो रही टैरिफ की डेडलाइन

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स में हेड ऑफ रिसर्च निनोद नायर ने कहा, 'अमेरिकी टैरिफ की डेडलाइन कल खत्म हो रही है। इसलिए घरेलू शेयर बाजार में निवेशकों का सेंटीमेंट डाउन हो गया है। भारतीय रुपये में लगातार गिरावट ने भी बाजार में मंदी को सपोर्ट किया है। इससे आगे विदेशी संस्थागत निवेश पर भी असर पड़ सकता है।'

सरकारी प्रयासों को मॉनिटर कर रहे निवेशक

नायर ने आगे कहा, 'इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट करने के भारत सरकार के प्रयासों को निवेशक बारीकी से मॉनिटर कर रहे हैं। इसमें जीएसटी दरों में प्रस्तावित संशोधन और उच्च टैरिफ से प्रभावित होने वाली इंडस्ट्रीज के लिए सेक्टर-स्पेसिफिक रिलीफ प्रयास भी शामिल हैं।'


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