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देश में एआई साक्षरता का अभियान: युवा एआई फॉर ऑल से 1 करोड़ लोगों को मिलेगी मुफ्त ट्रेनिंग और प्रमाण पत्र

कोर्स को पूरा करने वाले हर व्यक्ति को सरकार की ओर से प्रमाण पत्र भी मिलेगा, जिसका उपयोग भविष्य में सरकारी, निजी और तकनीकी नौकरियों में किया जा सकेगा।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) दुनिया भर में काम करने और सीखने के तरीकों को तेजी से बदल रही है। इसी बदलाव को देखते हुए भारत सरकार ने युवाओं, विद्यार्थियों और आम नागरिकों को एआई की बुनियादी समझ देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत एआई मिशन के तहत युवा एआई फॉर ऑल कार्यक्रम शुरू किया है। यह पहली बार है जब देश में स्कूलों, कॉलेजों और बड़ी संख्या में नागरिकों को मुफ्त एआई साक्षरता प्रशिक्षण मिलने जा रहा है। इस कोर्स को पूरा करने वाले हर व्यक्ति को सरकार की ओर से प्रमाण पत्र भी मिलेगा, जिसका उपयोग भविष्य में सरकारी, निजी और तकनीकी नौकरियों में किया जा सकेगा।

1 करोड़ लोगों को एआई साक्षर बनाने का लक्ष्य

आईटी मंत्रालय का लक्ष्य इस कार्यक्रम के माध्यम से कम से कम 1 करोड़ लोगों को एआई के प्रति जागरूक और सक्षम बनाना है। कोर्स सभी आयु वर्ग के लिए खुला है, लेकिन युवाओं और विद्यार्थियों को विशेष रूप से इससे जोड़ा जाएगा। इसके लिए देशभर के हजारों स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय एमओयू के जरिए इंडिया एआई प्लेटफॉर्म से जोड़े जाएंगे, ताकि छात्र सीधे अपने संस्थान के माध्यम से इस प्रशिक्षण का लाभ उठा सकें।

4-5 घंटे का आसान और प्रभावी पाठ्यक्रम

कोर्स की अवधि लगभग 4 से 5 घंटे है। इसे सरल भाषा में तैयार किया गया है ताकि शहरों से लेकर गांवों तक, हर कोई आसानी से समझ सके कि एआई क्या है, कैसे काम करता है और कैसे यह शिक्षा, उद्योग और दैनिक जीवन को बदल रहा है। यह पाठ्यक्रम यह भी समझाता है कि एआई दुनिया को किस दिशा में ले जा रहा है और आने वाले समय में इसकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होगी।

लॉगिन करते ही मिलेंगे जवाब

कोर्स को रोचक और उपयोगी बनाने के लिए इसे इंटरैक्टिव बनाया गया है। जैसे ही कोई प्रशिक्षार्थी पोर्टल पर लॉगिन करता है, एआई उसके सवालों के जवाब अपने-आप देने लगता है। रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े कई उदाहरण शामिल किए गए हैं, जिससे सीखना सरल और मजेदार हो जाता है। यह पूरा कोर्स आई गोट कर्मयोगी और उन्नत प्रौद्योगिकी पोर्टल पर बिलकुल मुफ्त उपलब्ध है। कोर्स पूरा होते ही हर अभ्यर्थी को डिजिटल प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

पाठ्यक्रम के छह मॉड्यूल

पाठ्यक्रम को छह छोटे मॉड्यूल में बांटा गया है, जिनमें एआई का परिचय, इसका काम करने का तरीका, शिक्षा और उद्योग में इसकी भूमिका, एआई टूल्स का सुरक्षित उपयोग, भारत में एआई के मौजूदा उदाहरण और युवाओं के लिए भविष्य के अवसर शामिल हैं। सरकार का मानना है कि यह कार्यक्रम डिजिटल खाई को कम करेगा और युवाओं को भविष्य की तकनीकों का सुरक्षित और समझदारी से उपयोग करने में सक्षम बनाएगा।

युवाओं के लिए नए करियर अवसर

एआई के बढ़ते उपयोग को देखते हुए यह कार्यक्रम युवाओं के करियर के लिए नए अवसर खोलेगा। इस प्रमाण पत्र के बाद युवाओं को तकनीकी क्षेत्रों में इंटर्नशिप और नौकरियों में बढ़त मिलेगी। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के युवाओं को भी तकनीकी समझ से लाभ होगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस कार्यक्रम से भारत आने वाले वर्षों में वैश्विक एआई शक्ति के रूप में तेजी से उभर सकता है। एआई की मूलभूत समझ करोड़ों लोगों को तकनीकी बदलावों के लिए तैयार करेगी और देश की डिजिटल प्रगति को नई गति मिलेगी।