शहर के अंतरराज्यीय बस स्टैंड पर इन दिनों अव्यवस्था अपने चरम पर है। यहां से विभिन्न राज्यों और शहरों के लिए बस सेवाएं संचालित होती हैं और चौबीसों घंटे यात्रियों की भीड़ बनी रहती है। वर्तमान में बस स्टैंड पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुका है। इसका स्वामित्व नगर पालिका के पास है, लेकिन उसकी अनदेखी के कारण यहां न तो ट्रैफिक नियमों का पालन हो रहा है और न ही बस चालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए आरटीओ की सक्रियता दिख रही है।
स्टैंड परिसर में चूड़ी-बिंदी और अन्य सामान की अस्थायी दुकानों के कारण व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। इससे अनियंत्रित भीड़ और अवरोध उत्पन्न हो रहा है। मंगलवार को पत्रिका टीम द्वारा किए गए स्थलीय निरीक्षण में सामने आए हालात इस प्रकार रहे—
बस स्टैंड के गेट नंबर 1 पर स्थित प्रतीक्षालय में अस्थायी दुकानों के कारण यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिल रही है। प्रतीक्षालय में केवल दुकानें दिखाई देती हैं। बैठने के लिए लगाई गईं कुर्सियां गायब हैं, और उनकी जगह मनिहारी दुकानों ने ले ली है। इन दुकानों पर कोई ठोस प्रतिबंध न होने से स्टैंड की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।
बस स्टैंड पर ट्रैफिक संचालन के दो नियम निर्धारित हैं । सागर की ओर से आने वाली बसें नौगांव रोड से प्रवेश करती हैं और महोबा रोड से होकर वापस गंतव्य की ओर जाती हैं। इसी तरह दूसरी दिशा से आने वाली बसों के लिए विपरीत मार्ग निर्धारित है। लेकिन मुख्य गेट पर लगी अस्थायी दुकानों के चलते बस चालकों ने नियमों को दरकिनार कर दिया है। कई बसें कहीं से भी प्रवेश कर रही हैं। वहीं चाय, कुलचे और फुल्की के ठेलों ने परिसर में जाम की स्थिति बना दी है।
बस स्टैंड के गेट नंबर 2 पर स्थित प्रतीक्षालय वर्ष 1998 में नगर पालिका द्वारा निर्मित किया गया था। 27 वर्ष पुराना यह प्रतीक्षालय आज अनदेखी और दुर्व्यवस्था का शिकार होकर बंद पड़ा है। इसकी दीवारें जर्जर हो चुकी हैं और पूरा परिसर वीरान नजर आता है। सामने पार्क की गई बसों की अव्यवस्थित स्थिति ने इसकी पहचान समाप्त कर दी है।
स्टैंड पर अव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था से हर दिन जाम की स्थिति बनती है। वाहन चालकों द्वारा बाइक और अन्य वाहन कहीं भी खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे बसों के संचालन में बाधा उत्पन्न होती है। वहीं कई दुकान संचालकों ने अपने प्रतिष्ठानों के आगे बड़ी-बड़ी टीनशेड लगाकर सड़कों को अतिक्रमित कर लिया है।
बस स्टैंड पर जो भी अव्यवस्थाएं हैं, उनकी जांच की जाएगी। यदि बस चालकों द्वारा नियमों का उल्लंघन हो रहा है, तो आरटीओ और यातायात पुलिस से समन्वय किया जाएगा। अस्थायी दुकानों को नगर पालिका द्वारा एक सप्ताह के भीतर हटाया जाएगा।
अखिल राठौर, एसडीएम
Updated on:
06 Aug 2025 10:34 am
Published on:
06 Aug 2025 10:33 am