
पंप हाउस
नगर पालिका भले ही शहर के सभी 40 वार्डों में रहने वाले 31150 नल कनेक्शन उपभोक्ताओं को नियमित रूप से पानी उपलब्ध कराने का दावा करती हो, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। शहर के कई वार्डों में पानी एक दिन छोड़-एक दिन ही सप्लाई किया जा रहा है। वहीं जिन वार्डों में सप्लाई प्रतिदिन होती है, वहां भी प्रेशर इतना कम है कि लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।
73.30 करोड़ रुपए की लागत से अमृत योजना फेज-1 के तहत 14 नई टंकियां बनाने के बाद नगर पालिका ने 21550 नए और 9600 पुराने उपभोक्ताओं को पानी पहुंचाने का दावा किया था। पानी की सप्लाई के लिए बूढ़ा बांध स्थित इंटकवेल और बिजावर नाका स्थित संपवेल पर 33 केवी बिजली कनेक्शन भी लिए गए। इन कार्यों पर करीब ढाई करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके बावजूद उपभोक्ताओं को अपेक्षित समय तक और पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है। प्रति माह वसूला जाने वाला जल कर भी बढकऱ 80 से 160 रुपए तक पहुंच गया है, जबकि 40-50 मिनट की जगह कई इलाकों में केवल 10-15 मिनट ही पानी आ रहा है।
महोबा रोड गौतम नगर के संतोष नामदेव और नीरज बाल्मीकि ने बताया कि सप्लाई शुरू होने के बाद से ही स्थिति खराब है। कॉलोनी में एक दिन छोड़-एक दिन पानी मिलता है, लेकिन नगर पालिका पूरे महीने का 160 रुपए जलकर समय पर वसूलती है। कभी-कभी लाइन में खराबी आ जाए तो एक-दो दिन नहीं, बल्कि हफ्तों तक पानी की सप्लाई बंद रहती है। लोगों का कहना है कि गर्मी में हालात और खराब हो जाते हैं। वर्तमान में पानी केवल 30 मिनट आता है और कम प्रेशर की वजह से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं भर पाते।
बालाजीपुरम कॉलोनी में भी स्थिति बेहद खराब है। यहां एक दिन छोड़-एक दिन सप्लाई की जा रही है और वह भी मात्र 15-20 मिनट के लिए। जिनके घरों में बोरवेल हैं, वे किसी तरह काम चला लेते हैं, लेकिन जिनके पास बोरवेल नहीं हैं, उन्हें रोज़ाना पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। कॉलोनी के अनुज कश्यप ने बताया कि 20 दिन पहले वार्ड के कुछ हिस्से में 4 दिन तक पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद रही थी।
नौगांव रोड स्थित स्कूल के पीछे रहने वाले बाबूलाल गौतम और राजकुमार चौबे बताते हैं कि सप्लाई रोज़ होती है, लेकिन प्रेशर इतना कम है कि पानी पहली मंजिल तक भी नहीं पहुंचता। इससे लोग मजबूर होकर अपने घरों में ट्यूबवेल लगाते हैं। इससे उनका बिजली बिल भी बढ़ता है और समय भी ज्यादा लगता है। इसके अलावा नट मोहल्ला, सिद्धेश्वर मंदिर क्षेत्र और नारायणपुरा में भी सप्लाई अत्यंत कमजोर बताई जा रही है।
कुल लागत - 73.30 करोड़ रुपए
टंकियां- 14 (5 नई टंकियां प्रस्तावित)
पाइपलाइन - 375 किलोमीटर
प्रतिदिन पानी की खपत - 30 एमएलडी
टंकियों की कमी बड़ी वजहनपा उपयंत्री गोकुल प्रजापति ने बताया शहर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों और ज्यादा आबादी वाले हिस्सों में अमृत योजना के तहत नल कनेक्शन तो दे दिए गए, लेकिन पुरानी टंकियों की क्षमता वहां तक पर्याप्त प्रेशर से पानी पहुंचाने के लिए कम पड़ रही है। इस समस्या को खत्म करने के लिए 5 नई टंकियों का प्रस्ताव भेजा गया है। नई टंकियां बन जाने के बाद 20 प्रतिशत समस्या खत्म हो जाएगी।
Published on:
04 Dec 2025 10:49 am
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