प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे सुरक्षा को लेकर देशभर में अभूतपूर्व कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल अंतर्गत आने वाले ललितपुर-खजुराहो (164 किमी) और खजुराहो-महोबा (64 किमी) रेलमार्ग यानि कल 228 किलोमीटर ट्रैक पर भी अब अत्याधुनिक कवच प्रणाली स्थापित की जाएगी। इसके लिए 309.26 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है।
खजुराहो विश्वविख्यात पर्यटन स्थल है और यहां बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक ट्रेन से यात्रा कर आते हैं। ऐसे में ललितपुर से खजुराहो और महोबा तक के रेलमार्ग पर कवच प्रणाली का क्रियान्वयन एक महत्वपूर्ण सुरक्षा निवेश माना जा रहा है। यह तकनीक रेल दुर्घटनाओं की संभावनाओं को न्यूनतम करने के लिए जानी जाती है।
‘कवच’ एक स्वदेशी ट्रेन कोलिज़न अवॉइडेंस सिस्टम (टीसीएएस) है, जो रेलवे में ट्रेनों की टक्कर रोकने, ओवरस्पीड को नियंत्रित करने और मानव-त्रुटियों को न्यूनतम करने के लिए विकसित की गई है। इस प्रणाली में ट्रेनें आपस में, और सिग्नल से संवाद करती हैं। यदि कोई ट्रेन गलत दिशा में चलती है या सिग्नल तोड़ती है, तो यह प्रणाली स्वत: ब्रेक लगा देती है।
उत्तर मध्य रेलवे के जिन 14 खंडों में यह प्रणाली लागू की जा रही है, ललितपुर–खजुराहो (164 किमी) और खजुराहो–महोबा (64 किमी) के साथ ही झांसी मंडल के बिरलानगर–उदईमोड़ (102 किमी) और एआइटी–कोंच (13 किमी) जैसे रूट भी शामिल हैं। रेलवे के अनुसार आगामी 6 वर्षों में देश के प्रमुख रेलमार्गों पर कवच 4.0 तकनीक लागू की जाएगी। अब तक 30000 से अधिक कर्मचारियों को इस प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। हर वर्ष रेलवे 1 लाख करोड़ से अधिक की राशि सिर्फ सुरक्षा गतिविधियों पर खर्च कर रहा है।
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया उत्तर मध्य रेलवे इस योजना को निर्धारित समयसीमा और उच्च गुणवत्ता मानकों के अनुरूप क्रियान्वित करने के लिए पूर्णतः कटिबद्ध है। यह स्वीकृति प्रयागराज, झांसी और आगरा मंडलों के कुल 14 रेलखंडों में कवच प्रणाली लागू करने हेतु प्राप्त हुई है।
Updated on:
07 Aug 2025 10:11 am
Published on:
07 Aug 2025 10:10 am