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सांदीपनि स्कूल छतरपुर में 120 केजी बच्चों की पढ़ाई पर संकट, आधा सत्र बीतने के बाद भी कक्षाएं शुरू नहीं

सांदीपनि स्कूल में इस शैक्षणिक सत्र में केजी कक्षाओं के लिए 120 बच्चों का एडमिशन लिया गया, लेकिन आधा सत्र बीत जाने के बाद भी बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत नहीं हो सकी है। इसके कारण छोटे बच्चों और उनके माता-पिता में गहरी चिंता व्याप्त है।

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सांदीपनि स्कूल

नगर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में गिने जाने वाले सांदीपनि स्कूल में इस शैक्षणिक सत्र में केजी कक्षाओं के लिए 120 बच्चों का एडमिशन लिया गया, लेकिन आधा सत्र बीत जाने के बाद भी बच्चों की पढ़ाई की शुरुआत नहीं हो सकी है। इसके कारण छोटे बच्चों और उनके माता-पिता में गहरी चिंता व्याप्त है।

बेहतर पढ़ाई की आस में कराया एडमिशन

जानकारी के अनुसार, बच्चों के माता-पिता ने समय पर अपने बच्चों का एडमिशन कराया ताकि वे शुरुआती शिक्षा से वंचित न रहें। लेकिन अब तक स्कूल में बच्चों को कक्षा में बैठकर पढ़ाई का मौका नहीं मिला है। स्कूल प्रशासन ने केवल बच्चों के नाम रिकॉर्ड में दर्ज कर लिए हैं, जबकि वास्तविक कक्षाएं संचालित नहीं की जा रही हैं। इस कारण बच्चों का शैक्षणिक विकास प्रभावित हो रहा है और वे अन्य स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।

बिना तैयारी एडमिशन लेने पर सवाल उठ रहे

माता-पिता ने बताया कि जब स्कूल केजी कक्षाओं की शुरूआत करने के लिए तैयार ही नहीं था, तो एडमिशन लेना क्यों आवश्यक था। बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ और समय की बर्बादी ने माता-पिता को नाराज और चिंतित कर दिया है। कई माता-पिता ने शिक्षा विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं और कहा कि इस तरह की स्थिति बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से फिलहाल कोई ठोस जवाब नहीं आया है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही शिक्षक और कक्षा व्यवस्था पूरी कर दी जाएगी, लेकिन आधा सत्र बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं दिखाई दे रहा है। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं और स्थानीय लोगों में असंतोष बढ़ रहा है।

बच्चों का आधारभूत ज्ञान हो रहा प्रभावित

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि प्रारंभिक शिक्षा बच्चों के मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यदि बच्चों को समय पर उचित शिक्षा नहीं मिलेगी, तो उनका आधारभूत ज्ञान कमजोर हो सकता है और उनका आत्मविश्वास प्रभावित होगा। स्थानीय शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन को बच्चों के हित में तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। केवल रिकॉर्ड की पढ़ाई के माध्यम से बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती। यदि जल्द सुधार नहीं हुआ, तो 120 छोटे बच्चों का शैक्षणिक नुकसान गंभीर रूप ले सकता है। इस संबंध में प्राचार्य जीपी अग्रवाल का पक्ष जानने के लिए उन्हें कॉल किया, लेकिन उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया।

इनका कहना है

सांदीपनि स्कूल में केजी की कक्षाएं न लगने की जानकारी संज्ञान में आई है। प्राचार्य से जवाब तलब किया जाएगा। कक्षाओं के संचालन में लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी।

एएस पांडेय, डीइओ