
Preparations for the 2026 Tiger Census in sanjay tiger reserve (फोटो- संजय टाइगर रिजर्व)
मोहखेड़ के समीपी ग्राम मऊ में टाइगर देखे जाने के तीन दिन बाद ग्राम छाबड़ी में वन्य प्राणी के पगमार्क दिखाई दिए हैं। इसका निरीक्षण गुरुवार को वन कर्मचारियों ने किया है। इधर, परासिया की विष्णुपुरी खदान में तेन्दुआ की जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम पहुंची। उसे वहां सर्च करने पर किसी तरह के पगमार्क नहीं दिखे। फिर भी वन्य प्राणियों की मौजूदगी को देखते हुए संबंधित कर्मचारियों को सतर्कता बरतने का अलर्ट जारी किया गया है।
डिप्टी रेंजर पवन ढेंपे समेत अन्य कर्मचारियों ने ग्राम में पहुंचकर खेत में पगमार्क देखे। ये किसी वन्य प्राणी के बताए गए हैं। फिलहाल डिप्टी रेंजर स्पष्ट रूप से बाघ या तेन्दुआ का नाम नहीं ले रहे है। फिर भी उसका मूवमेंट जंगल की तरफ होना बता रहे हैं। फिलहाल ग्रामीणों को संदेह है कि ये वन्य प्राणी बाघ हो सकता है। ग्राम पंचायत सतनूर के अधीन ग्राम छाबड़ी आता है। यहां के सरपंच विनायक राव डिगरसे ने बिजली विभाग मोहखेड़ के कार्यपालन यंत्री को पत्र लिखकर छाबड़ी की रात्रिकालीन लाइट बंद करने का अनुरोध किया है। सरपंच के मुताबिक यहां वन्य प्राणी के पगचिन्ह दिखाई दिए हैं। रात में गांव में कोई हादसा होने की संभावना है। इसे देखते हुए बिजली बंद होना जरूरी है।
कोयलांचल की विष्णुपुरी खदान में तेन्दुआ का डर कायम रहा। कर्मचारी खदान में डय़ूटी करने से डरते रहे। पिछले दिनों इसकी मौजूदगी देखी गई थी। गुरुवार को वन विभाग के कर्मचारियों ने पहुंचकर जांच पड़ताल की। परासिया रेंजर अलका भूरिया ने बताया कि विष्णुपुरी खदान में वन कर्मचारी ने पहुंचकर पगमार्क की जांच की। यहां फिलहाल कोई पगमार्क नहीं मिले हैं। फिलहाल कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। यह जंगली क्षेत्र होने से यहां वन्य प्राणियों की मौजूदगी हो सकती है।
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पेंच नेशनल पार्क और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का कारीडोर होने से यहां बाघ-तेन्दुआ का आवागमन लगा रहता है। ग्राम मऊ और विष्णुपुरी खदान इस रुट में है। फिलहाल वन्य प्राणियों की मौजूदगी पर नजर रखी जा रही है।
-मधु व्ही राज, मुख्य वन संरक्षक छिंदवाड़ा।
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ग्राम मऊ इस समय सन्नाटा है। पिछले सप्ताह यहां बाघ ग्रामीणों ने देखा था। तब से ही किसान खेतों में नहीं जा रहे है तो वहीं महिला-पुरुष भी गांवों में सतर्क ता बरत रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारियों का अनुमान है कि ये बाघ जंगल की ओर चला गया है। फिर भी ग्रामीण तुअर के खेत में जाने से डर रहे हैं।
पेंच नेशनल पार्क और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का कारीडोर होने से यहां बाघ-तेन्दुआ का आवागमन लगा रहता है। ग्राम मऊ और विष्णुपुरी खदान इस रुट में है। फिलहाल वन्य प्राणियों की मौजूदगी पर नजर रखी जा रही है।
-मधु व्ही राज, मुख्य वन संरक्षक छिंदवाड़ा।
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Published on:
28 Nov 2025 11:43 am
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