सौंसर/ छिंदवाड़ा. सौंसर का 100 बिस्तर वाला सिविल अस्पताल विगत लंबे अरसे से बेहतर स्वास्थ्य चिकित्सा सेवा को लेकर तरस रहा है। सिविल अस्पताल को 20 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह अस्पताल मात्र हल्की-फुल्की दवाइयां, बुखार, मलेरिया, बीपी, शुगर का उपचार कर रहा है जबकि बड़ी चिकित्सा सेवा का मोहताज बना हुआ है तथा अच्छी चिकित्सा सेवा के लिए तरस रहा है। बड़ी दुर्घटना हो या बड़ी गंभीर बीमारी या आकस्मिक समय में गर्भवती महिला की प्रसूति हो ऐसे समय में छिंदवाड़ा व नागपुर रेफर किया जाता है। सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक, नर्सिंग ऑफिसर, कंपाउंडर सहित स्टाफ की हमेशा कमी रही है, जिसे वर्षों से पूर्ण करने की मांग उठती रही है लेकिन उसे पूरा नहीं किया जा सका है।
सिविल अस्पताल सौंसर में खून की जांच के सैंपल लिए जाते है लेकिन जांच के लिए छिंदवाड़ा भेजा जाता है। एक्सरे होते है लेकिन क्वालिटी ठीक नहीं है, यहीं स्थिति सोनोग्राफी को लेकर भी बनी हुई है। आकस्मिक सडक़ दुर्घटना के समय में घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छिंदवाड़ा या नागपुर रेफर किया जाता है। ज्यादा गंभीर मरीज को उपचार नहीं मिलने पर उसकी मौत हो जाती है।
सिविल अस्पताल में एनआरसी में स्वास्थ्य सेवा में कमी के कारण भर्ती नवजात के परिजन परेशान होते है, इन दिनों गर्मी के मौसम में एनआरसी में पंखे और कूलर जैसी सुविधाएं ठीक नहीं है। पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है, और न ही बच्चों को समय पर आवश्यक दवाइयां मिल पा रही हैं। अस्पताल परिसर में शौचालय की भी हालत बेहद खराब है। भर्ती बच्चों के माता-पिता को शौच के लिए अस्पताल परिसर से बाहर जाना पड़ता है।
सिविल अस्पताल में सोनोग्राफी सेंटर में विशेषज्ञ नहीं होने से परेशानी हो रही है। एक्स-रे के लिए भी कोई विशेषज्ञ मौजूद नहीं है। स्त्री रोग विशेषज्ञ भी स्थाई रूप से तैनात नहीं हैं, जिससे
आपातकालीन स्थिति में बाहरी विशेषज्ञ की मदद लेनी पड़ती है। कई विशेषज्ञ की आवश्यकता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग पदस्थापना नहीं कर रहा है।
सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक स्टाफ की कमी, संसाधन एवं अन्य सुविधाओं के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे है। अस्पताल में बेहतर सुविधा मुहैया की जाए इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के संज्ञान में जानकारी लाई जाती है।
सिविल अस्पताल सौंसर में मरीजों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो, इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी एवं शासन की ओर कई बार पत्र लिखा गया है।
Published on:
22 Apr 2025 12:00 pm