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रिकॉर्ड तोड़ चढ़ावा: दो महीने बाद खुली सांवलिया सेठ की तिजोरी, पहले चरण में 12.35 करोड़ की गिनती

Sanwaliyaji Temple Donation: शाम होते ही गिनती की प्रक्रिया रोक दी गई, जो गुरुवार को अमावस्या का मेला होने के कारण अब शुक्रवार से दोबारा शुरू की जाएगी।

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Chittorgarh Sanwariya Seth Mandir

Sanwaliyaji Temple Donation: चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया कस्बे में स्थित प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर में बुधवार को भक्तों द्वारा चढ़ाई गई भेंट राशि की गणना का काम शुरू हुआ। दीपावली के पर्व के कारण करीब दो महीने बाद दान पेटी (भंडार) खोली गई। गणना के पहले चरण में ही मंदिर मंडल को 12 करोड़ 35 लाख रुपए की भारी भरकम राशि मिली है। शाम होते ही गिनती की प्रक्रिया रोक दी गई, जो गुरुवार को अमावस्या का मेला होने के कारण अब शुक्रवार से दोबारा शुरू की जाएगी।

गिनती प्रक्रिया में जुटे अधिकारी

मंदिर मंडल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुबह राजभोग आरती के बाद दान पेटियों को विधि-विधान से खोला गया और चढ़ावा राशि बाहर निकाली गई। मंदिर बोर्ड के पदाधिकारियों, बैंककर्मियों और मंदिर कर्मचारियों की उपस्थिति में यह गिनती का कार्य मंदिर के सत्संग भवन में किया गया। अधिकारीगण अब शुक्रवार से पुनः गिनती शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ताकि दो महीने में जमा हुई कुल राशि का अंतिम आकलन किया जा सके।

दीपावली पर्व के कारण हुई देरी

आमतौर पर सांवलियाजी मंदिर का भंडार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को खोला जाता है। लेकिन इस बार दीपावली जैसे बड़े त्योहारों के कारण पिछली चतुर्दशी पर भंडार खोलना टाल दिया गया था। मंदिर की परंपरा के अनुसार, दीपावली और होली जैसे बड़े पर्वों पर अमावस्या से ठीक पहले आने वाली चतुर्दशी को दान पेटी नहीं खोली जाती है। यही वजह है कि इस बार दो महीने का चढ़ावा एक साथ जमा हो गया, जिससे पहले चरण में ही इतनी बड़ी राशि का आंकड़ा सामने आया।

गणना स्थल में बदलाव पर चर्चा

इस बार चढ़ावा राशि की गिनती के स्थान में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया। परंपरा के अनुसार, यह गिनती मंदिर परिसर के भीतर प्रतिमा के सामने चौक में होती थी, लेकिन इस बार इसे सत्संग भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। चतुर्दशी पर मंदिर में जुटने वाली भारी भीड़ को देखते हुए यह प्रशासनिक फैसला लिया गया था। हालांकि, कुछ श्रद्धालुओं का मत है कि पारंपरिक जगह पर गिनती होने से यह प्रक्रिया सबकी नजरों में रहती थी, जो पारदर्शिता के लिए ज्यादा बेहतर थी।

रिकॉर्ड टूटने की प्रबल संभावना

पहले ही दिन 12.35 करोड़ की राशि मिलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार चढ़ावे का पुराना रिकॉर्ड टूट सकता है। मंदिर मंडल को उम्मीद है कि शुक्रवार से शुरू होने वाले अगले चरणों की गिनती पूरी होने के बाद दान की कुल रकम नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।