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Churu : बैंककर्मी ने ही फर्जी खाता खोलकर किया साइबर फ्रॉड, पुलिस ने किया गिरफ्तार

भामासी गांव निवासी राजेश कुमार पुत्र सुखवीर ने स्थानीय पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाकर बताया कि एक निजी बैंक में कार्यरत हरीश जांगिड़ निवासी वार्ड संख्या 9 रोडवेज बस स्टैंड के पास कस्बा राजगढ़ ने उनके नाम पर फर्जी तरीके से खाता खोलकर उसका गलत उपयोग किया है। राजेश ने बताया कि पिछले वर्ष उसे जीएसटी नंबर के लिए एक चालू खाता खुलवाना था, जिसके बारे में उसने अपने मित्र इरफान से चर्चा की।

साइबर अपराधियों ने उड़ाए रुपये (फोटो सोर्स: एआई)

सादुलपुर. फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बैंक खाता खोलकर साइबर धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है। थानाधिकारी राजेश कुमार सिहाग ने बताया कि मामले में पुलिस ने एसपी के निर्देशानुसार तकनीक संसाधनों और मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर जांच कर मामले में आरोपी हरीश जांगिड़ निवासी वार्ड नंबर 9 सादुलपुर को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपी एक निजी बैंक का कार्मिक है तथा चालू खाता खोलने के नाम पर पीड़ित के दस्तावेज का दुरुपयोग किया। आरोपी ने साइबर ठगी करने वाले से मिलकर पीड़ित के दस्तावेज के आधार पर खाता खोलकर ट्रांजेक्शन भी किया है, जबकि हस्ताक्षर भी फर्जी किए हैं। उन्होंने बताया कि मामले में जांच अधिकारी एसआई धर्मेंद्र सिंह ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भिजवा दिया है। उन्होंने बताया कि मामले में एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है।

यह था मामला

भामासी गांव निवासी राजेश कुमार पुत्र सुखवीर ने स्थानीय पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाकर बताया कि एक निजी बैंक में कार्यरत हरीश जांगिड़ निवासी वार्ड संख्या 9 रोडवेज बस स्टैंड के पास कस्बा राजगढ़ ने उनके नाम पर फर्जी तरीके से खाता खोलकर उसका गलत उपयोग किया है। राजेश ने बताया कि पिछले वर्ष उसे जीएसटी नंबर के लिए एक चालू खाता खुलवाना था, जिसके बारे में उसने अपने मित्र इरफान से चर्चा की। इरफान ने उसे हरीश जांगिड़ का नाम सुझाकर कहा कि वह बैंक में नौकरी करता है और यह काम कर देगा। इसके बाद राजेश अपने साथी राकेश जांगिड़ निवासी हरपालू के साथ हरीश से मिला और उसे अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली का बिल, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेज सौंप दिए। हरीश ने दोनों के मोबाइल नंबरों पर आए ओटीपी भी ले लिए। इसके बाद जब कुछ समय बाद उन्होंने जीएसटी खाता और चालू खाता शुरू होने के बारे में जानकारी ली तो हरीश ने कहा कि जीएसटी फाइल खारिज हो चुकी है, जिसके बाद दोनों ने मान लिया कि मामला रद्द हो गया है।

साइबर ब्रांच दिल्ली से आया फोन तो खुला राज

पीड़ित राजेश कुमार के पास दिल्ली साइबर ब्रांच से एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि उनके नाम से निजी बैंक में फर्जी खाता खुला है और इसका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है। आरोपी हरीश ने बैंक मैनेजर की मिलीभगत से राजेश व राकेश के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए उनके नाम से चालू खाते खुलवाए। इन खातों में अपने खुद के मोबाइल नंबर दर्ज करवाकर एटीएम कार्ड और पासबुक भी ले लिए गए।