चूरू.सरदारशहर. गांव सोनपालसर के पास गौसाईं महाराज की बणी में सोमवार को जमीन धसने का शुरू हुआ सिलसला तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। एक ओर जहां जमीन खिसकना कम नहीं हुआ है। वहीं, गढ्डे के निरंतर बढ़ रहे आकार को लेकर गांव में कोई अनहोनी नहीं हो जाए को लेकर ग्रामीण सकते में हैं।
प्रशासन आया और चला गया
जमीन धसने की सूचना के प्रारंभ में प्रशासनिक अधिकारी आए। अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया, सुरक्षा की दृष्टि से गढ्डे के चारों और रस्सी आदि बांधकर सुरक्षा का घेरा बनवाया गया लेकिन इसके बाद अधिकारी या फिर कोई भूवैज्ञानिक जांच दल नहीं आया।
बुधवार को फिर खिसकी जमीन
गौसाईं महाराज की बणी में जमीन के धसने के जारी रहे सिलसिले में गढ्डा और गहरा हो गया जिस पर ग्रामीणों ने चिंता व्यक्त की है। गांव के उम्मेदसिंह राठौड़ ने बताया कि जमीन लगातार धस रही है। प्रशासन पहले दिन यहां पर आया लेकिन उसके बाद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं आया है। लगातार जमीन धसने से ग्रामीण सकते में है।
भूवैज्ञानिक करें जांच
राठौड़ ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि शीघ्र वैज्ञानिकों को बुलाकर इसकी जांच करवानी चाहिए ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके कि आखिर जमीन धंसने का क्या कारण है। क्योंकि जांच के बिना जमीन और कितनी धसेगी या रुकेगी इस पता चलना जरूरी है।
70 फीट हो गई चौड़ाई
लगातार जमीन धसने से अब गढ्डे की चौड़ाई अब 70 फीट हो गई है और मिट्टी धंसकर गढ्डे के अंदर जा रही है। इसलिए प्रशासन को समय रहते घटना की जांच करवानी चाहिए।
भूजल दोहन हो सकता है कारण
पुराने जानकारों की माने तो जमीन धसने का कारण बीते कुछ वर्षों में भूजल का अधिक दोहन होना हो सकता है। जानकार लोगों का कहना हैं कि बीते कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में ट्यूबवेल के निर्माण हुए हैं। अत्यधिक भूजल का दोहन होने के कारण जमीन धंसने जैसी घटनाएं सामने आ रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इसकी जांच करवाने की मांग की है। इसी क्त्रस्म में कोई ग्रामीण या पशु गढ्डे की ओर नहीं जाए इसके लिए गांव के युवा दिनभर निगरानी रख रहे है। चूरू जिला मुख्यालय पर भूजल विभाग कार्यालय है। हालांकि, वरिष्ठ भूू वैज्ञानिक का पद खाली बताया जा रहा है। अलवर के वरिष्ठ भू वैज्ञानिक के पास चूरू का अतिरिक्त कार्यभार है।
Published on:
04 Sept 2025 12:13 pm
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