नरेंद्र शर्मा
चूरू. किसी कारण अपराध जगत में प्रवेश कर जेल की सलाखों में रहने वाले बंदियों को पढ़ा लिखा कर समाज की मुख्यधारा में लाने की दृष्टि से चूरू मुख्यालय के कारागृह में हुए नवाचार के क्रम में अब यहां के बंदी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से अपनी पढ़ाई पूर्ण करेंगे।
शिक्षा के इस महत्वपूर्ण नवाचार की पहल पर चूरू के जिला कारागर के बंदियों ने अपराध जगत से तौबा करने की दृष्टि से कुछ ने पढ़ाई पूरी करने और कुछ ने जारी करने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में पंजीयन करवाया है। जेल अधीक्षक के अनुसार जुलाई 2025 सत्र के लिए 50 बंदियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है जिनको विश्वविद्यालय की ओर से प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इसके बाद बंदी डिप्लोमा कर डिग्री प्राप्त करेंगे।
सबका मंगल कालांश
कारागृह में निरुद्ध दंडित एवं विचाराधीन बंदियों के लिए हुए इस नवाचार के क्रम में इनकी प्रतिदिन सकारात्मक दिनचर्या प्रारंभ की जाएगी। निरुद्ध अवधि में प्रात:कालीन प्रार्थना, योग, शिक्षा, आउटडोर, इनडोर खेल, शारीरिक व्यायाम, कैंटीन, मेडिटेशन, रात्रिकालीन प्रार्थना, तेरा मंगल मेरा मंगल सबका मंगल कालांश में विभाजित किया गया है।
आमुखीकरण कार्यक्रम
राजस्थान कारागार विभाग के नवाचार की इस शृंखला में चूरू के जिला कारागार में नए आने वाले बंदियों को परिजनों से मुलाकात कब व कैसे तथा कितने दिन बाद होगी के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। कैंटीन सुविधा, निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध करने की नए बंदियों को जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा पीआईसीएस के माध्यम से वार्ता करवाने की जानकारी भी दी जाएगी।
पीआईसीएस सिस्टम
कारागार में बंदियों को परिजनों से वार्ता के लिए पीआईसीएस सिस्टम स्थापित किया गया है। इस व्यवस्था के माध्यम से बंदियों को प्रतिदिन अपने परिजनों या अधिवक्ताओं से वार्ता करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रिजनर इंफॉर्मेशन एंड काउंसलिंग सिस्टम से वार्ता के अलावा बंदी अपनी समस्या सीधे जयपुर के मुख्य कारागर में अवगत करवा सकते हैं।
इनका कहना है
राजस्थान पुलिस जेल जयपुर महानिदेशक गोविंद गुप्ता की ओर किए गए इस नवाचार में जिले के बंदियों के लिए इग्नू के माध्यम से पढ़ाने की व्यवस्था की गई हैं। बीकानेर सेंट्रल जेल में इग्नू का विशेष अध्ययन केंद्र है जहां न केवल पंजीकृत बंदी शिक्षार्थियों की परीक्षा होगी, बल्कि इन्हें पाठ्य पुस्तक आदि उपलब्ध करवाई जाएगी। बंदियों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इससे बंदी अपने खाली समय का उपयोग अध्ययन में कर सकेंगे और इन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की प्रेरणा मिलेगी। नरेश स्वामी, जेल अधीक्षक चूरू
Updated on:
21 Aug 2025 12:01 pm
Published on:
21 Aug 2025 12:00 pm
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