
टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर। (फोटो सोर्स: IANS)
BCCI not happy with Gautam Gambhir: दक्षिण अफ्रीका से अपने घर 2-0 से सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम की जमकर आलोचना हो रही है। अफ्रीका ने भारत को कोलकाता की टर्निंग पिच पर 30 रनों से हराया। वहीं फिर गुवाहाटी टेस्ट में 408 रनों से रिकॉर्ड जीत दर्ज़ कर भारत का सूपड़ा साफ कर दिया। कोलकाता टेस्ट हारने के बाद हेड कोच गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बेबाक बयान दिये थे। जिसके चलते वे सुर्खियों में आ गए थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) उनके इन बयानों से खुश नहीं है।
टीम के शर्मनाक प्रदर्शन के बावजूद बीसीसीआई अभी गंभीर पर कोई एक्शन नहीं लेगा, लेकिन उनके ऊपर लटक रही तलवार अभी पूरी तरह हटी भी नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक "विकल्पों की कमी" के कारण गंभीर अभी मुख्य कोच की भूमिका में बने रहेंगे, लेकिन साल के अंत में उनकी स्थिति की समीक्षा तय मानी जा रही है। अगर भारत अगले साल की शुरुआत में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन करता है, तो उन्हें हेड कोच के पद से हटाया जा सकता है।
बोर्ड की नाराज़गी की वजह गंभीर का कोलकाता पिच का खुलकर समर्थन करना है। ईडन गार्डन्स की काली मिट्टी वाली पिच की आलोचना तब तेज हो गई थी, जब भारत चौथी पारी में 93 पर ढेर होकर 30 रन से मैच हार गया। कोलकाता की टर्न लेती पिच दोनों टीमों की बल्लेबाज़ी की परीक्षा ले रही थी, लेकिन भारत की तकनीकी कमजोरियां अधिक उजागर हो गईं। इतिहास में पहली बार भारत में कोई ऐसा टेस्ट मैच हुआ जिसकी सभी 4 पारियों में कोई भी टीम 200 रन का आंकड़ा भी नहीं छू पाई। इतना ही नहीं चौथी पारी में भारतीय टीम 124 रन के लक्ष्य को हासिल भी नहीं कर पाई।
गंभीर का कहना था कि पिच ने बिल्कुल वैसा ही व्यवहार किया जैसा टीम ने चाहा था। उन्होंने मैच के बाद कहा, "यही वह पिच थी जिसकी हमें तलाश थी। क्यूरेटर ने हर तरह से सहयोग किया। हमें जो चाहिए था, बिल्कुल वही मिला। जब आप अच्छा नहीं खेलते, तो नतीजा ऐसा ही होता है।"
उन्होंने आगे कहा, "हां, यह कोई बहुत आसान विकेट नहीं था जहां आप बड़ी-बड़ी शॉट खेल सकें। लेकिन अगर आप डटकर बल्लेबाज़ी करने को तैयार हों, तो इस विकेट पर रन बनाए जा सकते थे। यहां कोई ऐसा मुश्किलपन नहीं था कि खेला न जा सके। यह वो विकेट था जहां आपकी तकनीक, मानसिक मजबूती और उससे भी ज़्यादा, आपके तेवर की परीक्षा होती है। असल बात है कि आपको स्पिन कैसे खेलनी है, यह आना चाहिए। हमने यही मांगा था और हमें यही मिला।”
गंभीर के इन बयानों ने बीसीसीआई के भीतर खलबली मचा दी है। भारत के बल्लेबाज़ कोलकाता की काली मिट्टी वाली पिच पर भी संघर्ष करते दिखे और गुवाहाटी की लाल मिट्टी वाली पारंपरिक पिच पर भी कुछ खास नहीं कर पाये। इससे तैयारी की रणनीति और टीम की अनुकूलन क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं।
बीसीसीआई भारतीय टीम के टेस्ट क्रिकेट में लगातार खराब प्रदर्शन के लिए एक रीव्यू मीटिंग लेगा। इसमें गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर भी शामिल होंगे। लेकिन सूत्रों का कहना है कि बोर्ड किसी बड़े बदलाव की जल्दबाज़ी में नहीं है। फिलहाल 'स्प्लिट कोचिंग' यानी अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग कोच की अवधारणा को बहुत दूर की सोच माना जा रहा है और हेड कोच के संभावित विकल्प भी सीमित हैं। एक बोर्ड अधिकारी ने कहा, "व्हाइट-बॉल सीज़न के बाद गहरी बातचीत होगी।" इससे साफ है कि टी20 विश्व कप 2026 में भारत के प्रदर्शन के आधार पर गंभीर की लंबी पारी तय होगी।
Published on:
28 Nov 2025 02:52 pm
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