भारतीय टीम मैनेजमेंट ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी की शुरुआत से पहले ही तय कर लिया था कि जसप्रीत बुमराह इस सीरीज़ में सिर्फ तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे और ऐसा ही हुआ। 31 वर्षीय बुमराह ने इस सीरीज़ में पहला टेस्ट लीड्स में, तीसरा टेस्ट लॉर्ड्स में और चौथा टेस्ट मैनचेस्टर में खेला। लेकिन इन तीनों मैचों में भारत को लीड्स और लॉर्ड्स में हार मिली, जबकि मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ रहा। यानी बुमराह इस सीरीज़ में भारत की किसी भी जीत का हिस्सा नहीं बन पाए।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ब्रेड हैडिन ने जसप्रीत बुमराह को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की मौजूदा टीम ने ये साबित कर दिया है कि वह जसप्रीत बुमराह के बिना भी खेल और जीत सकती है। उन्होंने यहां तक कहा कि बुमराह एक भी टेस्ट नहीं जिता पाए। हैडिन ने कहा कि मोहम्मद सिराज ने खुद को भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का लीडर साबित किया है।
ब्रैड हैडिन ने यूट्यूब पॉडकास्ट विलो तलक पर कहा, "भारत के लिए ये बहुत बड़ी बात है कि वे बुमराह के बिना भी खेल सकते हैं और अच्छा कर सकते हैं। लाइफ गोस ऑन! बाकी गेंदबाज़ रास्ता निकाल ही लेते हैं। भारत को अब उसे आगे बढ़ना चाहिए, उनके पास गज़ब की गेंदबाज़ी टैलेंट है। बुमराह इस सीरीज में एक भी टेस्ट मैच नहीं जिता पाए। जब ज़रूरत पड़ी तो मोहम्मद सिराज ने मोर्चा संभाला। उनका वर्कलोड भी काफी भारी रहा है।"
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने कहा, "सीरीज़ की शुरुआत में भारत दबाव में था क्योंकि हाल के दिनों में उनका टेस्ट प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। गौतम गंभीर पर भी दवाब था, अगर भारत आखिरी टेस्ट नहीं जीतता, तो मुझे लगता है कि वो भी सवालों के घेरे में आ जाते।”
मोहम्मद सिराज ने सीरीज़ में सबसे ज़्यादा 23 विकेट लेकर न सिर्फ भारत के लिए बड़ी भूमिका निभाई, बल्कि ओवल में खेले गए आखिरी टेस्ट में कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। इस मैच में उन्होंने कुल 9 विकेट चटकाए, जिसमें इंग्लैंड की दूसरी पारी में 5 विकेट शामिल थे।
हैदराबाद के इस तेज़ गेंदबाज़ ने ओवल के मैदान पर टेस्ट मैच की चौथी पारी में इंग्लैंड के खिलाफ पांच विकेट लेने वाले सिर्फ आठवें विपक्षी गेंदबाज़ बनने का कारनामा किया। इससे पहले यह उपलब्धि वेस्टइंडीज़ के महान गेंदबाज़ माइकल होल्डिंग को 1984 में मिली थी। इसके अलावा सिराज ओवल में 9 या उससे अधिक विकेट लेने वाले पहले विदेशी गेंदबाज़ बने, ऐसा पिछली बार 2005 में ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न ने किया था, जब उन्होंने 12 विकेट लिए थे।
हैडिन ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि सिराज को गेंदबाज़ी आक्रमण का अगुवा बनना पसंद है। वह उन खिलाड़ियों में से है जो बड़े मौकों पर गेंद को अपने हाथ में लेना चाहता है। हां, वह गलतियाँ करता है, लेकिन कभी भी मौके से भागता नहीं। अगर आपके पास ऐसे खिलाड़ी हों जो गलतियां करने से न डरें, जो विरोधी टीम को परेशान कर सकें और हर हाल में खेल का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो वही असली मैच-विनर होते हैं। आखिरी घंटे में वह खुद गेंदबाज़ी करना चाहता था। इसमें कोई शक नहीं कि वो हर ओवर फेंकना चाहता था ताकि भारत जीत दर्ज कर सके।"
बता दें जसप्रीत बुमराह ने वर्कलोड मैनेजमेंट की वजह से 5 टेस्ट में सिर्फ 3 मैच ही खेले। उसमें उन्होंने 2 बार 5 विकेट हॉल लिया और कुल 14 विकेट चटकाए। दूसरी तरफ, मोहम्मद सिराज ने सभी 5 मैच खेले। उन्होंने सीरीज में कुल 23 विकेट झटके जो दोनों टीमों के गेंदबाजों में सबसे ज्यादा है। जसप्रीत बुमराह दूसरा और आखिरी टेस्ट नहीं खेले। संयोग से दोनों ही मैचों में भारत ने जीत हासिल की और मोहम्मद सिराज ने स्टार पेस की गैरमौजूदगी में जबरदस्त प्रदर्शन किया।
Published on:
07 Aug 2025 08:45 am