Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

टीम इंडिया के पास नहीं कोई स्पेशलिस्ट… हरभजन सिंह ने बताई भारत की सबसे बड़ी कमजोरी

Harbhajan Singh on Washington Sundar: भारत के साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज हारने के बाद हरभजन सिंह ने कहा कि भारतीय टीम के पास पांच दिन के मैच के लिए कोई स्पेशलिस्ट ऑफ स्पिनर नहीं है। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि वाशिंगटन सुंदर को एक स्पेशलिस्ट राइट-आर्म ऑफ स्पिनर के तौर पर खुद को स्थापित करने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

lokesh verma

Nov 30, 2025

Harbhajan Singh on Washington Sundar

पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह। (फोटो सोर्स: IANS)

Harbhajan Singh on Washington Sundar: साउथ अफ्रीका के हाथों व्‍हाइटवॉश के बाद हरभजन सिंह ने भारतीय टीम में कोई स्‍पेशलिस्‍ट ऑफ स्पिनर नहीं होने पर चिंता जताई है। भज्‍जी ने कहा कि तमिलनाडु के ऑलराउंडर वाशिंगटन को एक स्पेशलिस्ट राइट-आर्म ऑफ स्पिनर के तौर पर खुद को स्थापित करने और ऑलराउंड स्किल्स के मामले में आर अश्विन का हमशक्ल बनने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है। महान स्पिनर को लगा कि मेजबान टीम के पास पांच दिन के मैच के लिए कोई स्पेशलिस्ट ऑफ-स्पिनर नहीं है, और उन्होंने वाशिंगटन सुंदर के लिए ज्‍यादा वर्कलोड की मांग की।

'हमें उनसे ज्‍यादा बॉलिंग करवानी होगी'

आर अश्विन के रिटायरमेंट के बाद किसी SENA देश के खिलाफ पहली घरेलू सीरीज में इंडिया के स्पिनर प्रोटियाज के सामने कुछ खास नहीं कर पाए। इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में हरभजन ने 8जेजे स्पोर्ट्स इंडिया के लॉन्च के मौके पर कहा कि मुझे लगता है कि वाशिंगटन सुंदर टीम में हैं, लेकिन हमें उनसे ज्‍यादा बॉलिंग करवानी होगी। उन्हें एक बॉलर बनाने के लिए टेस्ट मैच में 30-35 ओवर तक बॉलिंग करवानी होगी।

'टर्नर पिचों पर खेलने की आदत छोड़नी होगी'

भारतीय स्पिनरों में तीसरे सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाले हरभजन को लगता है कि भारत को घरेलू टेस्ट क्रिकेट में टर्नर पिचों पर खेलने की आदत छोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह की पिचों पर हम खेल रहे हैं, उसमें किसी को भी बॉलर बनाने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि हर गेंद स्पिन होती है या कुछ सीधी हो जाती हैं।

'टेस्ट क्रिकेटरों की ग्रोथ रुक गई है'

हरभजन ने आगे कहा कि एक बॉलर को अच्छा तभी माना जा सकता है जब वह अच्छी पिचों पर विकेट ले। भारत के लिए अच्छी पिचें तैयार करना शुरू करने का यह सही समय है, क्योंकि घरेलू मैदानों पर टर्नर पिचों पर खेलने के कारण देश में टेस्ट क्रिकेटरों की ग्रोथ रुक गई है।

उन्होंने कहा कि हमें अच्छी क्रिकेट पिचों पर खेलना चाहिए। एक दशक से ज्‍यादा समय हो गया है, ऐसी पिचों पर खेलते हुए जहां (इंडियन) क्रिकेट की ओवरऑल ग्रोथ नहीं हुई है। अगर आप देखें तो हम एक ही जगह पर अटके हुए हैं और जब हम अच्छी विकेटों पर खेलते हैं तो यह आईने में देखने जैसा हो जाता है।

अब अच्छी पिचों पर खेलने का सही समय

भज्‍जी ने आगे कहा कि हमने इंग्लैंड में अच्छा किया। जब हम इंडिया से बाहर जाते हैं तो हमारे बैट्समैन को रन बनाने का मौका मिलता है। लेकिन, अगर आप अपने बैट्समैन को मौका नहीं देंगे तो उनके लिए (घर पर) मैच जीतना कैसे मुमकिन होगा? अब सही समय है कि इंडिया अच्छी पिचों पर खेलना शुरू करे। उनका मानना है कि अगर इंडिया कोलकाता जैसी विकेट देता है तो वह टेस्ट क्रिकेट को प्रमोट करने की बात नहीं कर सकता।