
भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका पहले टेस्ट का नजारा। (फोटो सोर्स: EspnCricInfo)
Sunil Gavaskar warns Gautam Gambhir: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सुनील गावस्कर ने कोलकाता के ईडन गार्डन्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 30 रनों से मिली हार के बाद भारतीय बल्लेबाजी प्रदर्शन की आलोचना करते हुए शिकस्त की असल वजह भी बताई है। टीम इंडिया 124 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में असफल रही, जिस कारण मेहमान दक्षिण अफ्रीका ने दो टेस्ट मैचों की फ्रीडम ट्रॉफी सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। कप्तान शुभमन गिल को इंजर्ड होने के चलते मैदान छोड़ना पड़ा, जिसके कारण टीम 10 बल्लेबाजों के साथ खेली। लेकिन, हार की वजह गिल का इंजर्ड होना या कोलकाता की पिच नहीं थे। गावस्कर ने गौतम गंभीर को चेतावनी देते हुए कहा कि घरेलू क्रिकेट में भागीदारी की कमी भारत की बल्लेबाजी के पतन का मुख्य कारण थी।
गावस्कर ने स्पोर्ट्सतक से बातचीत में कहा कि हमारे बहुत से खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलते। अगर आप घरेलू क्रिकेट खेलेंगे तो आपको ऐसी पिचों पर खेलने का मौका मिलेगा। क्योंकि घरेलू स्तर पर भी टीमें रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने के लिए अंक हासिल करने की कोशिश करती हैं, जिसका मतलब है कि ऐसी पिचें होंगी जहां गेंद थोड़ी ग्रिप और टर्न लेगी। लेकिन, हमारा कोई भी खिलाड़ी ऐसा नहीं खेल रहा है। हमारे मौजूदा खिलाड़ी भी नहीं। हमारे कितने मौजूदा खिलाड़ी वास्तव में रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए मैदान में उतरना चाहेंगे?
उन्होंने वर्कलोड मैनेजमेंट का हवाला देते हुए घरेलू क्रिकेट से परहेज करने वाले खिलाड़ियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नहीं, वे ऐसा नहीं करते, क्योंकि वर्कलोड नाम का एक शब्द है। वे खेलना नहीं चाहते। वे रणजी ट्रॉफी में तभी खेलना चाहते हैं, जब वे फॉर्म में न हों। वरना, वे खेलना नहीं चाहते तो यही जवाब है।
शायद आप ऐसी पिच तैयार करने पर विचार करना चाहें, जहां गेंद थोड़ी पकड़ और टर्न ले सके। फिर आप ऐसे खिलाड़ियों को चुनना चाहेंगे, जो घरेलू क्रिकेट खेल रहे हों। हमें वास्तव में ऐसे खिलाड़ियों को नहीं खिलाना चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हों, क्योंकि उन्हें इस तरह की पिचों के खिलाफ अभ्यास नहीं है।
अब सीरीज का दूसरा टेस्ट भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि टीम कोलकाता में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सीरीज बराबर करना चाहेगी। एक मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम के बल्लेबाजी क्रम के ढहने से चुनौतीपूर्ण पिचों से निपटने की उनकी क्षमता पर चिंताएं बढ़ गई हैं।
वहीं, गावस्कर का रिएक्शन भारत में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बीच बढ़ते अलगाव को उजागर करता है। जहां स्थापित खिलाड़ी अक्सर रणजी ट्रॉफी मैचों में नहीं खेलते हैं। इसके साथ ही वर्कलोड मैनेजमेंट एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है, क्योंकि सीनियर खिलाड़ी अक्सर घरेलू क्रिकेट नहीं खेलते हैं।
Published on:
18 Nov 2025 09:38 am
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