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“अपने ईगो को ड्रेसिंग रूम में छोड़कर आयें… ” गावस्कर ने भारतीय खिलाड़ियों के रवैये पर उठाए सवाल

गावस्कर के अनुसार ईडन गार्डन्स में तीन दिन में मिली हार ने वही पुरानी समस्या उजागर कर दी है। भारतीय बल्लेबाज़ एक बार फिर स्पिन-अनुकूल घरेलू पिचों पर संघर्ष करते दिखे।

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भारत

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Siddharth Rai

Nov 19, 2025

sunil gavaskar

पूर्व भारतीय महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Photo – BCCI)

India vs South Africa Test: कोलकाता के ईडन गार्डन्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में 30 रनों से मिली करारी हार के बाद भारतीय टीम की जमकर आलोचना हो रही है। अब टीम 22 नवम्बर से दूसरा टेस्ट गुवाहाटी के बरसापारा क्रिकेट स्टेडियम में खेलेगी। सीरीज को ड्रॉ करने के लिए भारत को इस मुकाबले में हर हाल में जीत हासिल करनी होगी। इस टेस्ट से पहले पूर्व भारतीय महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भारतीय टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं को कड़ा संदेश दिया है।

चयनकर्ताओं और गौतम गंभीर को गावस्कर ने दी नसीहत

अपने स्पोर्टस्टार कॉलम में लिखते हुए पूर्व भारतीय कप्तान ने जोर देकर कहा कि इस हार के बाद चयनकर्ताओं और गौतम गंभीर को सोचना चाहिए कि टेस्ट टीम को इस तरह बिल्ड करने का उनका तरीका गलत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि टेस्ट क्रिकेट में सीमित ओवरों की तरह ऑलराउंडर्स पर निर्भर नहीं रहा जाता। इसके बजाए घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित कर चुके खिलाड़ियों पर ज्यादा भरोसा किया जाना चाहिए। किसी खिलाड़ी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में स्पेसिलिस्ट खिलाड़ियों की जरूरत होती है। जिनके पास लंबे समय तक धैर्य और अनुशासन रहने का गुण हो। इसके लिए अपने ईगो से प्रेरित होकर या शॉर्ट-टर्म फॉर्म से प्रभावित होकर चयन नहीं होना चाहिए।"

ईडन गार्डन्स में तीन दिन में मिली हार ने कमजोरियां उजागर की

गावस्कर के अनुसार ईडन गार्डन्स में तीन दिन में मिली हार ने वही पुरानी समस्या उजागर कर दी है। भारतीय बल्लेबाज़ एक बार फिर स्पिन-अनुकूल घरेलू पिचों पर संघर्ष करते दिखे। उन्होंने लिखा कि वे खिलाड़ी जो भारत से बाहर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ज्यादा समय बिताते हैं, उन्हें घरेलू टर्निंग पिचों पर अनुभव की कमी रहती है और यही मुश्किलें पैदा करती है।

खिलाड़ी अपना अहंकार पीछे छोड़ दें

उन्होंने कॉलम में लिखा, "अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी विदेशों में इतना समय खेलते हैं कि उन्हें घर की ऐसी पिचों पर खेलने के अवसर कम मिलते हैं, और यहीं से समस्याएं शुरू होती हैं।" गावस्कर ने यह भी याद दिलाया कि टेस्ट क्रिकेट में सफलता तभी मिलती है जब खिलाड़ी अपना अहंकार पीछे छोड़ दें और स्वीकार करें कि कई बार गेंदबाज़ हावी होंगे। उन्होंने लिखा कि मुश्किल समय में बड़े शॉट खेलकर निकलने की कोशिश हालात को और खराब करती है। रन धीरे-धीरे जोड़ना, सही मौके का इंतज़ार करना और विनम्रता, ये सब टेस्ट बल्लेबाजी की बुनियाद हैं।

ज्यादा ऑलराउंडर खिलाना टेस्ट क्रिकेट में गलत

इसके बाद गावस्कर ने गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर द्वारा नितीश कुमार रेड्डी को टेस्ट ऑलराउंडर के रूप में लगातार समर्थन देने पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। किसी का नाम लिए बिना उन्होंने स्पष्ट किया कि एक सच्चा टेस्ट ऑलराउंडर वही है जिसे सिर्फ बल्लेबाज या सिर्फ गेंदबाज के रूप में भी टीम में जगह मिल सके। जो खिलाड़ी केवल कुछ ओवर फेंकता है या मुश्किल से कुछ रन जोड़ता है, वह इस प्रारूप की मांगों पर खरा नहीं उतरता।

उन्होंने माना कि ऐसा बल्लेबाज जो कभी-कभार गेंदबाजी कर सके या ऐसा गेंदबाज जो जरूरत पड़ने पर बल्ले से थोड़ी मदद कर दे, दोनों की उपयोगिता है, लेकिन भारत को उन खिलाड़ियों का चयन बंद करना चाहिए जो किसी भी एक कौशल के आधार पर प्लेइंग 11 में जगह नहीं बना सकते।

यही मुद्दा हाल ही में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ में सबसे अधिक आलोचना का कारण रहा, जहां रेड्डी ने ना के बराबर गेंदबाजी की थी। अहमदाबाद टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने केवल चार ओवर फेंके, और दिल्ली टेस्ट में तो उनका उपयोग ही नहीं हुआ।

अंत में, गावस्कर ने चेतावनी दी कि भारत का अगला घरेलू टेस्ट अब एक साल से भी ज्यादा दूर है, इसलिए चयन की सोच में स्पष्टता पहले से कहीं अधिक जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर मैनेजमेंट सीमित ओवरों और टेस्ट की मांगों को मिलाकर देखता रहा, तो भारत एक बार फिर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल तक पहुँचने में चूक सकता है।


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