Mohammed Shami Return: मोहम्मद शमी के भविष्य पर खासकर टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो एक बड़ा सवालिया निशान लगा हुआ है। अगले महीने 35 वर्ष के होने वाले शमी को भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज के लिए नहीं चुना गया था। हालांकि अब उन्हें दलीप ट्रॉफी के लिए पूर्वी क्षेत्र की टीम में चुना गया है। टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट की मानें तो इस टूर्नामेंट से यह तय हो सकता है कि वह अपने लाल गेंद करियर को आगे बढ़ा पाएंगे या नहीं। भारतीय टीम में फिर से जगह बनाने के लिए ये टूर्नामेंट उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम होने वाला नहीं है।
मोहम्मद शमी का पूर्वी क्षेत्र की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना तय है। जब पूर्वी क्षेत्र उत्तरी क्षेत्र के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगा। इस दौरान उनकी फिटनेस पर सबकी नजर होगी। पूरी संभावना है कि शमी पहला मैच खेलेंगे। रिपोर्ट में करीबी सूत्र के हवाले से कहा गया है कि शमी अपने घर (अमरोहा) में ही अपनी तैयारियों में व्यस्त हैं। वहीं, बीसीसीआई के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अगर शमी उत्तर क्षेत्र के खिलाफ प्रभावशाली प्रदर्शन करते हैं तो चयनकर्ता निश्चित रूप से इस पर ध्यान देंगे, क्योंकि उनकी क्षमता को नकारा नहीं जा सकता।
सूत्र के हवाले से ये भी कहा गया है कि हमें यह देखना होगा कि अगर पूर्वी क्षेत्र क्वार्टर फाइनल चरण में पहुंच जाता है और आगे भी प्रगति करता रहता है, तब भी क्या वह खेलेंगे? क्या उनके घुटने और हैमस्ट्रिंग की चोट को देखते हुए उनका शरीर इसकी अनुमति देगा? रणजी मैच में वह एक स्पेल में तीन-चार ओवर फेंकते थे और फिर मैदान से बाहर चले जाते थे। इसलिए, क्या उनका शरीर कई दिनों के मैच की कठिनाइयों को झेल पाएगा, यह एक पेचीदा सवाल है।
वहीं, चयनकर्ता ऐसे तेज़ गेंदबाज़ों को चुनने के इच्छुक हैं, जो कम से कम 7-8 साल तक देश के लिए खेल सकें। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि हां, इस दलीप ट्रॉफी में शमी का प्रदर्शन उनकी टेस्ट टीम में वापसी की संभावनाओं की एक स्पष्ट तस्वीर पेश करेगा। लेकिन यह भी जानना ज़रूरी है कि क्या शमी खुद लंबे फॉर्मेट में वापसी के इच्छुक हैं।
बता दें कि शमी को फॉर्म की वजह से टीम से बाहर नहीं किया गया। फिटनेस संबंधी मुद्दे ही एकमात्र कारण हैं जिनकी वजह से वह इंग्लैंड नहीं जा सके। पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे से चूकने के बाद इंग्लैंड सीरीज के लिए उनकी उपस्थिति बहुत जरूरी थी। चयनकर्ताओं ने टीम तय करने से पहले उनसे बात भी की थी, लेकिन वह ज़्यादा आश्वस्त नहीं दिखे। उनमें वह जरूरी आश्वासन नहीं था, जिसकी उन्हें जरूरत थी।
Published on:
12 Aug 2025 08:19 am