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मैदान पर बल्ले से रनों की बरसात करने वाले संजू सैमसन अब मैदान के बाहर भी दिखा रहे हैं कमाल, केरल के युवा एथलीट्स की करेंगे मदद

मैदान पर अपनी शालीन बल्लेबाज़ी और शांत कप्तानी के लिए पहचाने जाने वाले सैमसन ने बतौर मेंटॉर और टीम के बाहर से सपोर्ट सिस्टम बनकर इस बार खेल भावना की असली मिसाल पेश की है, जो केरल की बढ़ती खेल संस्कृति को मजबूती दे रहा है।

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भारत

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Siddharth Rai

Nov 03, 2025

Sanju Samson batting position

भारतीय विकेटकीपर बल्‍लेबाज संजू सैमसन। (फोटो सोर्स: EspncricInfo)

दिल छू लेने वाले कदम के रूप में, जो करुणा और समर्पण दोनों को बखूबी दिखाता है, भारतीय क्रिकेटर संजू सैमसन ने एक बार फिर मैदान के बाहर भी अपने करुणाभरे दिल का प्रमाण दिया है। उनके संजू सैमसन फाउंडेशन ने केरल के दो उभरते युवा एथलीट्स की पूरी जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया है, जिन्होंने हाल ही में थिरुवनंतपुरम में हुए स्टेट स्कूल स्पोर्ट्स मीट में 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में नया रिकॉर्ड बनाकर सबका ध्यान खींचा।

मैदान पर अपनी शालीन बल्लेबाज़ी और शांत कप्तानी के लिए पहचाने जाने वाले सैमसन ने बतौर मेंटॉर और टीम के बाहर से सपोर्ट सिस्टम बनकर इस बार खेल भावना की असली मिसाल पेश की है, जो केरल की बढ़ती खेल संस्कृति को मजबूती दे रहा है।

कौन हैं वे युवा खिलाड़ी जिन्हें संजू सैमसन दे रहे हैं समर्थन?

केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने बताया कि संजू सैमसन फाउंडेशन अब सीएचएस कैलवरी माउंट की छात्रा देवप्रिया शाइबू और चारमंगलम गवर्नमेंट डीवीएचएसएस के छात्र टी.एम. अथुल की खेल यात्रा में पूरा साथ देगा। देवप्रिया ने सब-जूनियर गर्ल्स 100 मीटर रेस में नया मीट रिकॉर्ड बनाया, जबकि अथुल ने लड़कों की 100 और 200 मीटर दौड़ दोनों में रिकॉर्ड तोड़े।

यह पहल इस बात का प्रमाण है कि सैमसन सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर नहीं, बल्कि खेल जगत के हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा बनते जा रहे हैं। सैमसन ऐसे असली टीम प्लेयर के रूप में खुद को साबित कर रहे हैं, जो अब अपने 'स्टेट' के लिए रन ही नहीं, बल्कि सपनों को भी आगे बढ़ा रहे हैं।

कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने संजू सैमसन का एक संदेश भी पढ़ा, जो 2025 स्टेट स्कूल स्पोर्ट्स मीट के ब्रांड एम्बेसडर हैं। अपने संदेश में सैमसन ने न सिर्फ इन युवा एथलीट्स के शानदार प्रदर्शन की तारीफ की, बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी उनके जज़्बे और संघर्ष की सराहना की।

सैमसन ने कहा, "जिस बात ने मेरा ध्यान खींचा, वह थी इन एथलीट्स की चुनौतियों के बावजूद हासिल की गई अद्भुत उपलब्धियाँ। यदि इन्हें सही दिशा और सहयोग मिले, तो ये युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि ओलंपिक स्तर तक पहुँच सकते हैं।"

अपने फाउंडेशन के माध्यम से सैमसन ने इन दोनों एथलीट्स की यात्रा, रहने की व्यवस्था, प्रोफेशनल कोचिंग और मेंटॉरशिप का पूरा खर्च उठाने का वादा किया है, ताकि उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए हर जरूरी सुविधा मिल सके।

संजू सैमसन का यह कदम क्यों है इतना खास?

संजू सैमसन फाउंडेशन, जिसकी स्थापना वर्ष 2023 में हुई थी, लगातार युवाओं को सशक्त बनाने, खेलों को बढ़ावा देने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम कर रहा है। सैमसन की इस पहल को खास बनाता है उनका यह संतुलन, जहाँ वे मैदान पर क्रिकेट के सितारे हैं, वहीं मैदान के बाहर युवाओं के भविष्य के लिए 'टीम इंडिया' से पहले 'टीम ह्यूमैनिटी' की पारी खेल रहे हैं।

संजू सैमसन इस समय ऑस्ट्रेलिया में भारत की पाँच मैचों की टी20 सीरीज़ खेल रहे हैं, लेकिन दूर रहकर भी उन्होंने अपने राज्य के एथलीट्स के लिए जो कदम उठाया, वह उनकी जड़ों से जुड़ाव और खेल के प्रति सच्चे समर्पण को बहुत ही खूबसूरती से दर्शाता है।

तिरुवनंतपुरम की गलियों से अंतर्राष्ट्रीय मैदान तक का उनका सफर हमेशा ही मेहनत, अनुशासन और विश्वास की मिसाल रहा है। अब अपनी उदारता और संवेदनशीलता से सैमसन वही रास्ता नई पीढ़ी के लिए और आसान बना रहे हैं, ताकि आने वाले युवा खिलाड़ी भी बड़े सपनों को साकार कर सकें।

क्या केरल में खेलों का नया दौर शुरू हो गया है?

मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने बताया कि अगले साल का स्टेट स्कूल स्पोर्ट्स मीट कन्नूर में आयोजित किया जाएगा। इस साल रिकॉर्ड तोड़ 19,310 छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया, जो राज्य में बढ़ते खेल जुनून की बड़ी मिसाल है। साथ ही, सरकार ने यह भी बताया कि जल्द ही गोल्ड मैडल विनर्स को घर देने की योजना शुरू की जाएगी, जिसके लिए पात्रता मानदंड तय किए जा रहे हैं।

स्थानीय खेल प्रेमियों ने संजू सैमसन के इस कदम की जमकर सराहना की है। उनके अनुसार, यह पहल क्रिकेट और एथलेटिक्स के बीच की दूरी मिटाकर खेल भावना को नई ऊँचाई देती है। केरल के कई युवा एथलीट्स के लिए सैमसन का यह सहयोग एक भरोसा है कि जब प्रतिभा के साथ विनम्रता जुड़ जाए, तो दुनिया में उसे पहचान मिलने से कोई भी नहीं रोक सकता है।

संजू सैमसन की विरासत हमें क्या सिखाती है?

आज जब खेल की चर्चाएँ ज्यादातर शोहरत और विज्ञापनों के इर्द-गिर्द घूमती हैं, तब संजू सैमसन का यह सादा लेकिन असरदार कदम एक मिसाल बनकर सामने आया है। बिना किसी प्रचार या दिखावे के उन्होंने स्थानीय प्रतिभाओं में निवेश कर यह साबित किया कि असली लीडरशिप मैदान के बाहर भी झलकती है।

उनकी यह पहल सिर्फ दान नहीं, बल्कि एक दृष्टि है। यह विश्वास कि यदि सही मार्गदर्शन और मौका मिले, तो केरल के युवा भी दुनिया के खेल मंचों पर झंडा बुलंद कर सकते हैं। जब ऑस्ट्रेलिया में लोग उनके बल्ले की चमक का जश्न मना रहे हैं, उसी वक्त केरल में दो नन्हें खिलाड़ी उस इंसान के भरोसे और प्रेरणा से अपने सपनों की मंजिल पाने को दौड़ रहे हैं, जो जानता है कि मुश्किल रास्तों को पार कर ऊँचाई तक कैसे पहुँचा जाता है।