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IND vs SA: भारतीय टीम की शर्मनाक हार पर आया शुभमन गिल का रिएक्शन, बोले- समुद्र को नाव चलाना मत सिखाओ…

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज हार के बाद गिल ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि इस हार के बावजूद टीम और मजबूत होगी।

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भारत

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Siddharth Rai

Nov 27, 2025

Shubman Gill

कप्तान शुभमन गिल चोट की वजह से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज नहीं खेल पाये।(Photo Credit - IANS)

Shubman Gill, India vs South Africa Test: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घर पर 2-0 से मिली करारी हार के बाद भारतीय टीम की हर तरफ आलोचना हो रही है। दक्षिण अफ्रीका ने कोलकाता में पहले टेस्ट में 30 रन से और गुवाहाटी में दूसरे टेस्ट में मेजबान टीम को 408 रन से हराकर क्लीन स्वीप किया। यह भारतीय सरजमीं पर दक्षिण अफ्रीका की 25 साल में पहली जीत है।

गर्दन की चोट के चलते नहीं खेले गिल

इस सीरीज में नियमित कप्तान शुभमन गिल चोट की वजह से नहीं खेल पाये। उन्हें पहले टेस्ट में बल्लेबाजी के दौरान गर्दन में चोट लगी थी, जिसके कारण वे पहले टेस्ट में न तो बल्लेबाजी के लिए आए और दूसरे मुक़ाबले से पूरी तरह बाहर हो गए थे। सीरीज हार के बाद गिल ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि इस हार के बावजूद टीम और मजबूत होगी।

गिल ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

गिल ने लिखा, "शांत समुद्र आपको नाव चलाना नहीं सिखाते, तूफ़ान ही हाथों मज़बूत को मजबूत बनाता है। हर बार पहले से ज़्यादा मज़बूती के साथ, हम एक-दूसरे पर भरोसा करते रहेंगे, एक-दूसरे के लिए लड़ते रहेंगे और आगे बढ़ते रहेंगे।" वहीं इस हार के बाद भारतीय कोच गौतम गंभीर का अलग ही तेवर दिखा।

गंभीर ने कहा, "यह बीसीसीआई को तय करना है। मैंने पहले भी यह कहा है, भारतीय क्रिकेट जरूरी है, मैं जरूरी नहीं हूं। मैं वही आदमी हूं जिसने इंग्लैंड में नतीजे हासिल किए, चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीता। यह एक ऐसी टीम है जो सीख रही है।"

हार को सबकी कमियों बताते हुए गंभीर ने कहा कि तीसरे दिन भारत का 95/1 से 122/7 पर आना और मजबूत एग्जिक्यूशन की जरूरत को दिखाता है। उन्होंने कहा, "गलती सबकी है, सबसे पहले मैं। 95/1 से 122/7 तक जाना मंज़ूर नहीं है। आप किसी एक इंसान या किसी खास शॉट को दोष नहीं दे सकते। गलती सबकी है। मैंने कभी किसी एक इंसान को दोष नहीं दिया और आगे भी ऐसा नहीं करूंगा।"

गौतम गंभीर ने कहा - इंसान को दोष नहीं दे सकते

उन्होंने कहा, "टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए आपको सबसे तेज़-तर्रार और टैलेंटेड क्रिकेटरों की आवश्यकता नहीं है। हमें कम स्किल वाले मजबूत लोगों की जरूरत है। वे अच्छे टेस्ट क्रिकेटर बनते हैं।" उन्होंने पूरे देश में रेड-बॉल क्रिकेट को प्राथमिकता देने में बदलाव लाने की अपील करते हुए कहा, "अगर आप सच में टेस्ट क्रिकेट को लेकर सीरियस हैं, तो टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देना शुरू करें। सबके प्रयास की जरूरत है। आप केवल खिलाड़ियों या किसी खास इंसान को दोष नहीं दे सकते।"

वहीं भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच श्रीकांत ने गंभीर पर "बहुत अधिक प्रयोग" करने का आरोप लगाया और कहा कि चयन में लगातार बदलाव से टीम की स्टेबिलिटी खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि गंभीर भले ही बदलावों को 'ट्रायल एंड एरर' कहें, लेकिन उनका अपना अनुभव बताता है कि कंसिस्टेंसी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता, खासकर उस टीम में जो अब अपने पिछले 18 टेस्ट में से नौ हार चुकी है, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ़ घरेलू मैच में क्लीन स्वीप भी शामिल है।
श्रीकांत ने ऑलराउंडर्स की ओर बढ़ते झुकाव की आलोचना की - हर्षित राणा और नीतीश रेड्डी के पर्दापण और सरफराज खान, साई सुदर्शन और कुलदीप यादव के लिए कम मौकों का हवाला दिया।

उन्होंने कोलकाता में वाशिंगटन सुंदर के नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने और फिर नीचे भेजे जाने जैसे पोजिशनल बदलावों पर भी सवाल उठाए। श्रीकांत नीतीश रेड्डी के सिलेक्शन को लेकर खास तौर पर नाराज थे, उन्होंने एक ऑल-राउंडर के तौर पर उनकी काबिलियत पर सवाल उठाया और पूछा कि उन्हें हार्दिक पांड्या की जगह कैसे लिया जा सकता है।