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एक क्रिकेटर श्रीनिवासन से कैसे बना वाशिंगटन सुंदर? इसके पीछे की कहानी है बेहद दिलचस्प

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टी20 मुकाबले में मैदान पर उतरे वाशिंगटन सुंदर ने 8 गेंद डाली और 3 रन देकर 3 विकेट चटका दिए। इस प्रदर्शन से उन्होंने अपने आलोचकों को भी करारा जवाब दिया।

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Washington Sunder

श्रीनिवासन कैसे बने वाशिंगटन सुंदर (फोटो- IANS)

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गोल्ड कोस्ट में पहली बार उतरी भारतीय टीम के लिए वाशिंगटन सुंदर ने गजब का कारनामा किया और 3 रन देकर 3 विकेट चटका दिए। इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को भारत ने 48 रन से हरा दिया। सुंदर इस प्रदर्शन की वजह से सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। आज हम उनके नाम को लेकर एक दिलचस्प किस्सा बताने वाले हैं। भारतीय क्रिकेटर वाशिंगटन सुंदर का नाम सुनते ही कई लोग सोचते हैं, "यह नाम इतना अलग क्यों है?" यह एक ऐसा सवाल है जो उत्सुकता पैदा करता है, लेकिन इस नाम के पीछे बहुत ही दिलचस्प कहानी है।

पिता का अधूरा सपना

​वाशिंगटन सुंदर के पिता का नाम एम सुंदर है। वह खुद भी एक बेहतरीन क्रिकेटर थे। मगर जीवन में हमेशा प्रतिभा ही काफी नहीं होती। गरीबी और घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण, एम सुंदर को मजबूरी में अपना क्रिकेटर बनने का सपना छोड़ना पड़ा। ​एक दिन, एम सुंदर की जिंदगी में एक फरिश्ते की एंट्री हुई। एक आर्मी ऑफिसर पीडी वाशिंगटन ने उन्हें क्रिकेट खेलते हुए देखा। वह एम सुंदर के नेचुरल टैलेंट से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत मदद करने का फैसला किया।

​पीडी वाशिंगटन ने उनके लिए नई क्रिकेट किट खरीदी, उनका एक अच्छी क्रिकेट एकेडमी में दाखिला भी कराया। वह उन्हें अपनी गाड़ी से एकेडमी तक छोड़ने भी जाते थे, ताकि उनकी प्रैक्टिस न छूटे। पीडी वाशिंगटन ने बिना किसी स्वार्थ के एम सुंदर के करियर को आगे बढ़ाने में हर संभव मदद की।

​ऐसे मिला बेटे को नाम

​दुर्भाग्य से, एम सुंदर को सहारा देने वाले पीडी वॉशिंगटन का साल 1999 में निधन हो गया। एम सुंदर इस सदमे से उबर नहीं पाए थे। ​कुछ ही महीनों बाद, एम सुंदर के घर एक बेटा पैदा हुआ। हिंदू रिवाजों के अनुसार, बच्चे के कान में उसका नाम बताना था। एम सुंदर ने पहले उसका नाम 'श्रीनिवासन सुंदर' रखा, लेकिन तुरंत उनका मन बदल गया। उन्होंने बच्चे के कान में 'वाशिंगटन सुंदर' बोला। उन्होंने सोचा कि उस इंसान का नाम हमेशा जिंदा रहना चाहिए, जिसने उनके मुश्किल समय में मदद की। जो उनके लिए भगवान के समान था। इसलिए उस महान व्यक्ति की याद में उन्होंने अपने बेटे का नाम 'वाशिंगटन' रखने का फैसला किया। यह उनके मेंटर पीडी वॉशिंगटन को एम सुंदर की सच्ची श्रद्धांजलि थी।

वाशिंगटन सुंदर अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा कर रहे हैं। वह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते हुए एक शानदार खिलाड़ी के रूप में उभर रहे हैं। वाशिंगटन एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। वह बाएं हाथ की बल्लेबाजी और दाएं हाथ की कमाल की ऑफ स्पिन गेंदबाजी करते हैं। उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक है जनवरी 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन टेस्ट में किया गया उनका डेब्यू। इस निर्णायक मैच में, उन्होंने पहली पारी में शानदार 62 रन बनाए और कुल चार विकेट लेकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।