
pm awas yojana corruption datia bahadurpur (फोटो- सोशल मीडिया)
PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) गरीबों को पक्का घर देने के उद्देश्य से चलाई गई, लेकिन दतिया जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत बहादुरपुर में इस योजना की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बीते तीन वर्षों में पंचायत क्षेत्र में 80 आवास स्वीकृत किए गए, जिनमें से लगभग 20 से 25 आवास ऐसे लोगों को दिए गए हैं, जो नियमों के अनुसार पात्र नहीं हैं। वहीं, कई वास्तविक जरूरतमंद परिवार आज भी कच्चे मकानों में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। (mp news)
योजना से वंचित परिवारों ने बताया कि जिला प्रशासन स्तर पर घालमेल को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में वे स्थानीय स्तर पर शिकायत करने के बजाए भोपाल जाकर शिकायत करेंगे। आवासहीन परिवारों ने बताया कि वे सीधे सीएम के समक्ष अपने ग्राम पंचायत में हो रहे भष्टाचार की शिकायत करेंगे। ग्रामवासियों का कहना है कि जिला प्रशासन को इन आवासों की समीक्षा जांच करानी चाहिए ताकि पात्रों को उनका हक मिल सके।
कई पात्र परिवार वर्षों से आवास की मांग कर रहे हैं, लेकिन पंचायत स्तर पर प्रभावशाली लोगों की सिफारिशें पात्रता की जगह पहचान बन गई हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) का उद्देश्य गरीबों को छत मुहैया कराना है, लेकिन बहादुरपुर में यह योजना प्रभावशाली लोगों के लाभ का माध्यम बनती नजर आ रही है। प्रशासन यदि समय रहते जांच कर कार्रवाई नहीं करता, तो असली जरुरतमंदों का अपने घर का सपना यूं ही अधूरा रह जाएगा।
केस 1- राजेंद्र सिंह पुत्र उत्तम दांगी के पास पहले से पक्का मकान है और 17 बीघा कृषि भूमि भी। बावजूद इसके, उन्हें पीएम आवास का लाभ दे दिया गया।
केस 2- मोतीराम का बेटा सीआईएसएफ में नौकरी कर रहा है। खुद का पक्का मकान और 17 बीघा उपजाऊ जमीन होने के बावजूद इन्हें भी आवास स्वीकृत हुआ।
केस 3- रवि के नाम 5 बीघा भूमि और पिता के नाम 16 बीघा जमीन, साथ ही पक्का मकान और मोटरसाइकिल है। इसके बावजूद योजना का लाभ मिला।
केस 4- राधेश्याम के पास ट्रैक्टर, बहुमूल्य जमीन और दतिया शहर में पीतांबरा मंदिर के पास व्यावसायिक भवन है। फिर भी एक वर्ष पूर्व पीएम आवास मिल गया।
कालीचरण अहिरवार : पांच सदस्यीय परिवार, मजदूरी से जीवन यापन, कच्चे मकान में रह रहे हैं।
रामस्वरूप पटवा : पांच सदस्यीय गरीब परिवार, मजदूरी कर गुजारा, आवास की दरकार।
राजू पटवा : छह सदस्यीय मजदूर परिवार, आज भी कच्चे घर में गुजर-बसर।
बलवीर पटवा : बुजुर्ग माता सहित चार सदस्य, आर्थिक रूप से कमजोर, पक्के घर का सपना अधूरा।
रतीराम अहिरवार: पांच सदस्यीय परिवार पीएम आवास नहीं मिलने के कारण कच्चे घर में रहने को मजबूर
आप भी जानते हैं हम भी जानते हैं कि ये गलत हैं लेकिन क्या करें, नौकरी में चारों ओर से दबाव रहता है। राजनीतिक दबाव में ऐसे लोगों को भी लाभ मिल जाता है जो पात्र नहीं है।- संजय दुबे, सचिव ग्राम पंचायत बहादुरपुर दतिया
दिए गए पीएम आवासों की जांच करवाएंगे, गलत पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।- अक्षय कुमार तेमवाल, सीईओ जिला पंचायत दतिया
Published on:
29 Oct 2025 12:38 pm
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