
खेतों में भरा बरसात का पानी। फोटो: पत्रिका
दौसा। लवाण क्षेत्र में दो दिन पहले हुई बरसात से किसानों के द्वारा हाल ही में बोई गई सरसों व चने की फसल खराब हो गई है। ऐसे में साढ़े छह सौ बीघा जमीन में अब किसानों को वापस बुवाई करनी पड़ेगी।
किसानों ने जमीन में नमी रहते सरसों व चने कि फसल कि बुवाई कई जगह कर ली थीं, लेकिन बरसात के लगातार दो दिन होने पर खेतों में पानी भरने से बीज ही अंकुरित नहीं हुआ। इससे किसानों को अब वापस बुवाई करनी पडेगी। इस समय खेतों में बुवाई का सीजन चल रहा है। किसानों का रुख खेतों की ओर है।
किसानों ने बताया कि पहले ही बाजार से महंगे दामों में सत्ररह सौ रूपए का ब्लैक में डीएपी का पचास किलो का बैग खरीदा और एक बीघा में पायनेर कम्पनी का सरसों का बीज बोया। जो एक किलो की थैली आठ सौ रुपए में आ रही है। एक बीघा खेत की जुताई सहित छह हजार सात सौ रुपए का खर्चा आता हैं। जो अब फिर से किसानों वापस खर्चा करना पड़ेगा, लेकिन गर्मी को देखते अभी भी बारिश का डर सता रहा है।
बीस दिन से लगातार खेतों में सरसों व चने की बुवाई करने के लिए खेतों में लग रहे थे। महंगा खाद बीज लेकर बुवाई की, लेकिन अब गत दिनों हुई बरसात ने सब कुछ तबाह कर दिया। अब सभी खेतों में वापस बुवाई होगी। ऐसे में किसानों को दोहरी मार पड़ रही है।
-कैलाश सिंह, किसान
खेतों में समय रहते बुवाई करने के लिए बाजार से कालाबाजारी का खाद लेकर आए। एक बीघा जमीन में करीब लगभग सात हजार रुपए का खर्चा आया था। अब बरसात होने से अब वापस बुवाई करनी पडेगी। फिर डीएपी खाद की परेशानी जूझना पड़ रहा है।
-गोपाल सिंह, किसान
Updated on:
05 Oct 2025 11:58 am
Published on:
05 Oct 2025 11:57 am
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