
एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो
Big Revelation:बांग्लादेशी अब्दुल ममून और उत्तराखंड के देहरादून निवासी रीना चौहान की गिरफ्तारी के बाद तमाम खुलासे हो रहे हैं। दरअसल, बीते दिनों देहरादून में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने ऑपरेशन कालनेमी के तहत ममून हाल निवासी किरायेदार अलकनंदा एन्क्लेव फेस-दो थाना नेहरू कॉलोनी और उसकी साथ रह रही त्यूनी के ट्यूटार निवासी रीना चौहान को गिरफ्तार किया था। बांग्लादेशी अब्दुल ममून की गिरफ्तारी के बाद तमाम खुलासे हो रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि ममून ने त्यूणी निवासी रीना चौहान को बांग्लादेश ले जाकर धर्मांतरण कराकर उसे फरजाना अख्तर नाम दिया था। इसी नाम से बांग्लादेश में निकाह किया था। इसके लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराए गए थे। बांग्लादेशी एजेंसी के जरिए दून पुलिस ने यह कागज हासिल कर लिए हैं। अब आरोपी ममून पर धर्मांतरणरोधी अधिनियम के तहत भी कार्रवाई हो सकती है। एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक बांग्लादेश से भेजे दस्तावेजों में फरजाना अख्तर के नाम से जारी दस्तावेज मिला है। इसमें रीना चौहान की फोटो लगी हुई है। उसके बाद वह दोनों अवैध तरीके से बॉर्डर क्रास कर इंडिया पहुंच गए थे। वहां से वह दोनों देहरादून पहुंचे और किराए के घर में रहने लगे थे। दोनों की 11 माह की बच्ची भी है। बच्ची भी मां के साथ जेल की बैरिक में रह रही है।
बांग्लादेशी नागरिक की दून से गिरफ्तारी के बाद हड़कंप मचा हुआ है। फेसबुक के जरिए बांग्लादेश से आरोपी ममून त्यूणी की विवाहित महिला रीना चौहान के संपर्क में आया। दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई थी। रीना ने अपने पति को छोड़ दिया। आरोपी 2019, 2020 और 2021 में टूरिस्ट वीजा लेकर देहरादून में रीना से मिलने आया था। इस दौरान दोनों दून में साथ में रहे। इस दौरान इनका संपर्क रायपुर क्षेत्र निवासी खुशबू आलम उर्फ मंजू दीदी से हुआ। मंजू ने रीना से जानकारी ली। इसके बाद रीना के छोड़े गए पति सचिन चौहान के नाम से दस्तावेज ममून को खड़ा कर बनवाए गए। इसके लिए सबसे पहले मतदाता पहचान पत्र, इसके बाद आधार और पेन कार्ड बना। तीन साल तक बांग्लादेशी ममून दून में सचिन चौहान बनकर रीना के साथ पति की तरह रहा। मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस अफसर भी दंग रहे गए।
बांग्लादेशी ममून उर्फ सचिन चौहान ने सबसे पहले रीना चौहान का पति बनकर वोटर कार्ड बनवाया था। यह वर्ष 2021 में बना, जिसमें ब्राह्मणवाला खाला सहस्रधारा रोड कंडोली का पता दर्ज है। यहां से दोनों के वोटर कार्ड बने। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जिला निर्वाचन कार्यालय से दोनों के मूल दस्तावेज और सत्यापन प्रक्रिया की जानकारी मांगी गई है। यह भी जांचा जा रहा कि यह वोटर कार्ड ऑनलाइन बनाए या मैनुअल। मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए 15 हजार में यह काम रायपुर क्षेत्र की खुशबू आलम उर्फ मंजू दीदी ने कराया। उसे पुलिस जल्द ही पूछताछ के लिए बुला सकती है। इससे पहले निर्वाचन कार्यालय से दस्तावेज मांगे गए हैं।
Updated on:
24 Nov 2025 02:00 pm
Published on:
24 Nov 2025 07:51 am
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