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भाजपा एंटी इनकंबेंसी वाली सीटें करेगी चिह्नित, पूरे राज्य में शुरू होगा गोपनीय सर्वे, कईयों के कटेंगे टिकट

Anti-Incumbency:विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा एंटी इनकंबेंसी वाली सीटों को चिह्नित कर लोगों की नाराजगी दूर करने का प्रयास करेगी। इसके लिए पार्टी सभी 70 विधान सभा सीटों का गोपनीय सर्वे शुरू कराने जा रही है। इसी सर्वे के आधार पर ही टिकट वितरण किया जाएगा।

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BJP in Uttarakhand to launch confidential survey to identify assembly seats with anti-incumbency

उत्तराखंड में भाजपा एंटी इनकंबेंसी वाली विधान सभा सीटों को चिह्नित करने के लिए गोपनीय सर्वे शुरू कराने वाली है। फोटो सोर्स एआई

Anti-Incumbency:भाजपा विस चुनाव से पहले एंटी इनकंबेंसी वाली सीटों को चिह्नित करने जा रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी एंटी इनकंबेंसी दूर करने के लिए नाराजगी वाले क्षेत्रों को चिह्नित करेगी। इसके लिए पार्टी सभी 70 सीटों पर गोपनीय सर्वे कराने जा रही है। भाजपा ने 2027 के विधानसभा चुनावों में हैट्रिक का लक्ष्य रखा है। बता दें कि उत्तराखंड में 2017 से भाजपा की सरकार है। कई क्षेत्रों में खासतौर पर स्वास्थ्य, शिक्षा और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर लोगों में गुस्सा भी पनप रहा है। कई क्षेत्रों में आंदोलन भी चल रहे हैं। कई इलाकों में जनता स्थानीय विधायकों पर निष्क्रिय रहने और करीबियों का ही विकास करने के आरोप लगा रही है। राज्य में विस चुनाव नजदीक हैं। इसी को देखते हुए भाजपा एंटी इनकंबेंसी वाली सीटों को चिह्नित करने वाली है। इसी के साथ अब पार्टी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लोगों की नाराजगी को भी भांपने का प्रयास कर रही है। राज्य की सभी 70 सीटों पर सर्वे कराए जा रहे हैं, जिसके तहत विधायक के खिलाफ नाराजगी को जानने का प्रयास किया जाएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के मुताबिक पार्टी ने पिछले चुनावों में जनता से कई वायदे किए थे। उनमें से कितने वायदे पूरे हो गए और कितनों पर काम बाकी है यह जानने का प्रयास किया जा रहा है। कहा कि एक विशेष रणनीति के तहत हमारा प्रयास है कि चुनाव में जाने से पहले इन सभी बिंदुओं पर आम लोगों के बीच जाएं। कमियों को दूर करने के मकसद से ही यह सर्वे कराए जा रहे हैं।

कई विधान सभाओं में चल रहे स्वास्थ्य आंदोलन

उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। अल्मोड़ा के चौखुटिया से शुरू हुए इस मुद्दे की आंच कई विधानसभा क्षेत्रों तक फैल चुकी है। इसके अलावा अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में लोगों की कई अन्य दिक्कतें भी हैं। ऐसे में भाजपा लोगों की नाराजगी को जानकर चुनावी साल में उसे दूर करने पर फोकस करेगी। पार्टी नेताओं के मुताबिक रणनीति के तहत लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं और लंबित मांगों को पूरा करने में यह सर्वे कारगर साबित होगा।

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कई विधायकों के कटेंगे टिकट!

उत्तराखंड में भाजपा कई मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है। कई विधायकों पर चहेतों को लाभ दिलाने, स्वास्थ्य की बदहाली और क्षेत्र से गायब रहने के आरोप लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि ऐसे हालात में भाजपा को विधानसभा चुनावों में हैट्रिक के लिए कई कड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं। इसमें एंटी इनकंबेंसी को रोकने के लिए खराब परफार्मेंस वाले विधायकों के टिकट काटना भी शामिल है। बताया जा रहा है कि कई विधायक इस जद में आ सकते हैं। साथ ही उम्र दराज विधायकों को रिटायर करने का फैसला भी भाजपा ले सकती है।