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LUCC Scam:अभिनेता श्रेयस तलपड़े  और आलोक नाथ सहित 46 लोगों पर सीबीआई ने दर्ज किया केस, बड़े घोटाले का मामला

LUCC Scam:सीबीआई ने ‘द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी’ (एलयूसीसी) में हुए करीब आठ सौ करोड़ के घोटाले में फिल्म अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ सहित 46 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई की देहरादून शाखा ने ये कार्रवाई की है। इस केस में सोसाइटी संचालकों, एजेंटों के अलावा ब्रांड एंबेस्डर बनी फिल्मी हस्तियों को भी नामजद किया गया है।

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The CBI has registered a case against 46 people, including film actors Alok Nath and Shreyas Talpade, in connection with the LUCC scam in Uttarakhand

एलयूसीसी घोटाले के मामले में सीबीआई ने फिल्म अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ सहित 46 लोगों पर केस दर्ज किया है। फोटो सोर्स एआई

LUCC Scam:सीबीआई ने करीब 800 करोड़ से अधिक के चर्चित एलयूसीसी घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने राज्य पुलिस की ओर से पौड़ी गढ़वाल, देहरादून,हरिद्वार, टिहरी, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में दर्ज 18 अलग-अलग मुकदमों को अपने अधीन ले दिया है। ये मामला अरबों की धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स एक्ट (बड्स ) के तहत दर्ज किया गया है। सीबीआई ने मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल के अलावा गिरीश चंद सिंह बिष्ट, उर्मिला बिष्ट जैसे स्थानीय एजेंटों साथ ब्रांड एंबेसडर के तौर पर अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ को भी नामजद किया है। बताया जा रहा है कि सीबीआई जल्द ही आरोपियों की धरपकड़ और संपत्तियों की कुर्की के लिए छापेमारी शुरू कर सकती है। बता दें कि ये चर्चित घोटाला काफी सुर्खियों में बना हुआ है। घोटाले के बाद से निवेशक सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।

अनुमति बगैर खोलीं 18 शाखाएं

एलयूसीसी सोसाइटी की अगुवाई समीर अग्रवाल करता है। इस सोसाइटी ने उत्तराखंड में बिना अनुमति के 18 से अधिक शाखाएं खोलीं। इसके जरिए लोगों को आरडी और एफडी पर बैंक से ज्यादा ब्याज और मोटे कमीशन का लालच देकर फंसाया गया। पुलिस ने अलग -अलग जिलों में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किए थे। इस मामले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गत 17 सितंबर को इसे गंभीर माना था। हाईकोर्ट ने मामले में अंतरराज्यीय संगठित अपराध करार देकर जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। इसी को देखते हुए सीबीआई ने इस मामले को अपने अधीन लेते हुए जांच शुरू कर दी है। जल्द ही आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की संभावना है।

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सेठ बनने के सपने दिखाकर लूटे लोग

एलयूसीसी सोसाइटी ने पहाड़ के लोगों को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाया था। अरबों रुपये जमा करवाने के बाद एलयूसीसी सोसायटी जब रातों-रात अपने दफ्तरों पर ताला जड़कर फरार हुई, तो निवेशकों के पैरों तले से मानों जमीन खिसक गई। पहले निवेश पर एजेंटों को अच्छा रिटर्न दिया गया। फिर उनके जरिए सेठ बनाने का सपना दिखाकर हजारों लोगों को जोड़ा गया, जिन्होंने करोड़ों का निवेश किया और फिर सड़क पर आ गए। लोगों के आक्रोश के बीच सामने आया कि लोगों ने अपनी बेटियों की शादी, बुढ़ापे की पेंशन और मकान बनाने के लिए रखी रकम की पाई-पाई जोड़कर सोसायटी में जमा कराई थी।

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मोहरे और शिकार दोनों बने एजेंट

एलयूसीसी घोटाले की सबसे दुखद दास्तां उन एजेंटों की है जो इस खेल में 'मोहरा' और 'शिकारी' दोनों बन गए। सीबीआई की एफआईआर में कई ऐसे आरोपी भी शामिल हैं जो खुद पहले शिकायतकर्ता थे। बाद में आरोपी बने और अब सीबीआई की एफआईआर तक नाम पहुंच गया है। एजेंटों के लिए कंपनी ने पिरामिड स्कीम की तरह काम किया। कई लोगों को पहले ग्राहक और फिर एजेंट बनाया गया। इन्हें शुरुआत में मोटा कमीशन और गिफ्ट (स्कूटी, विदेश यात्रा) देकर लुभाया गया। इस चकाचौंध में आकर इन एजेंटों ने अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और दोस्तों का पैसा भी लगवा दिया। जब कंपनी भागी तो रिश्तेदार और परिचित से निवेशक बने लोग इन एजेंटों के घर के बाहर खड़े हो गए।