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एमपी में छात्राओं ने रोका तो मंत्री ने कार में बैठाया और निरीक्षण करने निकल पड़े

Narendra Patel- एमपी में छात्राओं ने रोकी मंत्री नरेंद्र पटेल की कार, मंत्री ने शिकायतें दूर कीं

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Students in MP stopped Minister Narendra Patel's car

छात्राओं की शिकायतों पर मंत्री नरेंद्र पटेल ने किया छात्रावास का निरीक्षण

Narendra Patel- मध्यप्रदेश में एक अजब वाकया हुआ। छात्रावास की ​समस्याओं को लेकर परेशान छात्राओं की जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने रास्ते से गुजर रहे प्रदेश के एक मंत्री का काफिला ही रोक लिया। छात्राओं ने उन्हें अपनी दिक्कतें बताईं। मंत्रीजी ने उनकी परेशानी समझी और बिना कोई देर किए छात्राओं को अपनी कार में बैठाकर उन्हीं के साथ जाकर छात्रावास का निरीक्षण किया। इतना ही नहीं, तत्काल कलेक्टर से फोन पर बात कर छात्रावास की व्यवस्थाओं को 7 दिन में सुधारने को कहा। उन्होंने छात्राओं को अपना व्यक्तिगत मोबाइल नंबर भी दे दिया और कहा कि कोई भी परेशानी आए तो वे सीधे उन्हें फोन करें।

देवास के खातेगांव में यह घटना घटी। यहां संदलपुर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की छात्राएं अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए पहुंचीं। उन्होंने थाना प्रभारी विक्रांत झांझोट को अपनी शिकायतें बताईं और कलेक्टर के नाम आवेदन देने लगीं। इस पर टीआई ने छात्राओं को समझाते हुए एसडीएम ऑफिस जाने का कहा। साथ ही उनके आवेदन को एसडीएम को वॉट्सएप पर भेजा। हालांकि शनिवार होने के कारण सभी सरकारी कार्यालय बंद होने से उनकी सुनवाई नहीं हो सकी।

इसी दौरान प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का बस स्टैंड से काफिला गुजरा। छात्राओं ने साहस दिखाते हुए उनका काफिला रोक लिया और मंत्री को अपनी व्यथा सुनाई। इस दौरान सीएमएचओ डॉक्टर सरोजिनी जेम्स भी मंत्री के साथ थीं। करीब 15 मिनट तक चली चर्चा के दौरान कई बालिकाएं भावुक होकर रो पड़ीं।

मंत्री नरेंद्र पटेल ने छात्राओं को शांत कराया और कहा आप चिंता मत करें, मैं आपके साथ हूं। इसके बाद उन्होंने अपनी कार और काफ़िले की अन्य गाड़ियों में करीब दर्जनभर छ़ात्राओं को बैठाया और सीधे संदलपुर छात्रावास पहुंच गए। हॉस्टल में मंत्री ने सभी कमरों और रसोई का बारीकी से निरीक्षण किया। तत्काल देवास कलेक्टर से फोन पर चर्चा कर छात्रावास की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी।

मंत्री ने कहा कि भोजन की गुणवत्ता भी घटिया स्तर की पाई गई है। निरीक्षण के दौरान एलसीडी और कुछ कैमरे भी बंद मिले हैं।

कलेक्टर से मंत्री नरेंद्र पटेल ने कहा यदि 7 दिन के भीतर सुधार नहीं हुआ तो मैं फिर से हॉस्टल आऊंगा। उन्होंने बालिकाओं को अपना व्यक्तिगत नंबर भी दिया और कहा कि किसी भी परेशानी की स्थिति में वे सीधे उन्हें फोन करें। मैं भोपाल से 2 घंटे में आपके बीच पहुंच जाऊंगा।

वार्डन करतीं है बुरा व्यवहार

बालिकाओं ने मंत्री को बताया कि पिछले तीन वर्षों से छात्रावास में अनियमितताएं चल रही हैं। रात के समय सीसीटीवी कैमरे बंद कर गेहूं की ट्रॉलियां बेचे जाने और अज्ञात लोगों के आने-जाने जैसी घटनाओं का भी उन्होंने उल्लेख किया। कंप्यूटर और वॉशिंग मशीन बंद हैं। साथ ही वार्डन हमसे बुरा व्यवहार करतीं हैं, हमें डराती हैं। मंत्री ने इन सभी बिंदुओं को नोट किया।